1920 मेगावाट की पम्प स्टोरेज परियोजना पर चल रहा है तेज गति से काम
ग्राम खिमला, जिला नीमच में ग्रीनको ग्रुप की 1920 मेगावाट पम्प स्टोरेज परियोजना नीमच, मंदसौर और आसपास के क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगी। परियोजना की अनुमानित लागत 11 हजार 470 करोड़ रुपए है। परियोजना पर इन दिनों तेज गति से काम चल रहा है। इस परियोजना की आधारशिला 4 अक्टूबर 2023 को रखी गई थी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी इस प्रोजेक्ट को मध्यप्रदेश के लिए विशेष उपलब्धि बताया है। यह अपनी तरह की देश की सबसे बड़ी परियोजना है।
इस परियोजना से न केवल क्षेत्र की बिजली की आवश्यकता पूरी होगी, बल्कि बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी मिलेगा। गांधी सागर पम्प स्टोरेज परियोजना (PSP) की 1920 मेगावाट/10326 मेगावाट प्रति घंटे की स्टोरेज क्षमता है। परियोजना की अनुमानित लागत 11 हजार 470 करोड़ रुपए है। इस परियोजना में दो जलाशय गांधी सागर निचला जलाशय (पहले से मौजूद) और ऊपरी जलाशय शामिल है, जो निर्माणाधीन है। इस योजना में गांधी सागर जलाशय के 1.24 टीएमसी पानी का पुनःपरिसंचरण द्वारा गैर-उपभोग्य पुनःउपयोग की परिकल्पना की गई है। गांधी सागर जलाशय (मौजूदा निचला जलाशय) से पानी को पम्प कर प्रस्तावित पम्प स्टोरेज परियोजना के ऊपरी जलाशय में संग्रहित कर इसका उपयोग बिजली उत्पादन के लिए किया जाएगा।
गांधी सागर जलाशय की कुल संग्रहण क्षमता 270.321 टीएमसी है। प्रस्तावित पम्प स्टोरेज परियोजना के ऊपरी जलाशय के घटक का भौगोलिक निर्देशांक अक्षांश 24° 31′ 6.89″ उत्तर तथा देशांतर 75° 30′ 56.12″ पूर्व में है तथा गांधी सागर निचले जलाशय (मौजूदा) का भौगोलिक निर्देशांक 24° 31′ 5.40″ उत्तर तथा 75° 32′ 5.28″ पूर्व में है। प्रस्तावित पीएसपी की रेटिंग 1920 मेगावाट है। यह लाइन उत्पादित बिजली की निकासी तथा पम्पिंग मोड के दौरान बिजली की आपूर्ति के लिए मध्य प्रदेश राज्य के नीमच में 400/220 केवी पीजीसीआईएल सबस्टेशन से जुड़ी होगी।