महाकाल मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश को लेकर स्थाई रूप से लिया जा सकता है फैसला

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प्रबंध समिति की बैठक में प्रस्ताव रखने की तैयारी…
हो सकता है नंदी हॉल से ही होते रहे आम श्रद्धालुओं को राजाधिराज के दर्शन
गर्भगृह में साल भर से बंद है आम श्रद्धालुओं का प्रवेश

उज्जैन। महाकाल मंदिर के गर्भगृह में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश हमेशा के लिए बंद किया जा सकता है। इसका प्रस्ताव मंदिर प्रशासन मंदिर प्रबंध समिति की आगामी होने वाली बैठक में रखने की तैयारी कर रहा है। दरअसल मंदिर में जिस तरह से श्रद्धालुओं की भीड़ बनी हुई रहती है उस कारण यह फैसला लिया जा सकता है। बता दें कि बीते साल भर से ही गर्भगृह में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद है और अभी भी इस संबंध में किसी तरह का फैसला नहीं लिया जा रहा है।

एक साल से अधिक हो गया है
4 जुलाई 2023 को श्रावण महीने में आने वाली भीड़ को देखते हुए 11 सितंबर 2023 तक के लिए गर्भगृह बंद किया गया था। उस दौरान मंदिर समिति ने कहा था कि सावन खत्म होते ही गर्भगृह आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। अब एक साल बीत जाने के बाद भी गर्भगृह खुलना तो दूर मंदिर प्रबंध समिति में इस पर चर्चा तक नहीं हुई।
क्षरण होना का भी एक कारण

मंदिर अफसरों की यदि माने तो मंदिर में बढ़ती भीड़ और क्षरण होने का जो मामला सामने आया है उस कारण भी मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश के मामले में स्थाई रूप से निर्णय लेने की जरूरत महसूस हो रही है। लिहाजा यह तय माना जा रहा है कि मंदिर प्रबंध समिति की आगामी बैठक में इस दिशा में कड़ा फैसला लिया जा सकता है।
मंदिर अधिकारियों का ये है तर्क

मंदिर प्रशासन के अधिकारियों का यह तर्क है कि मंदिर में हर दिन ही श्रद्धालुओं की भीड़ अधिक होती है इसलिए चाहकर भी गर्भगृह में प्रवेश को लेकर निर्णय नहीं लिया जा सकता है। अफसरों का यह भी  कहना है कि कुछ दिनों पहले ही सावन माह बीता है वहीं महाकाल की राजसी सवारी भी हाल ही में निकली थी। लिहाजा इस दौरान तो गर्भगृह में प्रवेश को लेकर किसी तरह का निर्णय
लिया जाना संभव था ही नहीं।
महाकाल लोक के कारण श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ी

बता दें कि जब से महाकाल महालोक उज्जैन में बना है तभी से बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ी है और इस कारण मंदिर में तड़के से ही श्रद्धालुओं की कतार दर्शन के लिए लगती है। संभवत यही कारण है कि व्यवस्था को बनाए रखने के लिए साल भर से अधिक समय गुजरने के बाद भी मंदिर प्रशासन आम श्रद्धालुओं को गर्भगृह में प्रवेश देने के मामले में फैसला नहीं ले सका है।
इनका कहना है
अभी गर्भगृह में आम श्रद्धालुओं के प्रवेश को लेकर किसी तरह का निर्णय नहीं लिया गया है। स्थाई रूप से प्रतिबंध का फैसला प्रबंध समिति को ही लेना है। हम प्रस्ताव रख सकते है। मंदिर में भीड़ ज्यादा है। इसके अलावा क्षरण को रोकना जरूरी है।
                       – मूलचन्द जुनवाल, सहायक प्रशासक महाकाल मंदिर

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