अनुकंपा नियुक्ति के नियम में बदलाव : मध्यप्रदेश में पंचायत सचिव पद के लिए 7 साल का मौका
ब्रह्मास्त्र भोपाल
प्रदेश में पंचायत सचिव की सेवाकाल के दौरान मृत्यु होने पर अब सात वर्ष तक अनुकंपा नियुक्ति मिल सकेगी। इसके लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने नवंबर 2017 के अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता संबंधी नियम में संशोधन कर दिया है। अब पंचायत सचिव का सेवाकाल के दौरान निधन होने पर तीन वर्ष के स्थान पर सात वर्ष तक अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता होगी। इस अवधि में यदि पात्रताधारी आश्रित की शैक्षणिक अर्हता न हो तो उसे निर्धारित अवधि के भीतर प्राप्त करनी होगी। इसके बाद ही नियुक्ति आदेश जारी किए जाएंगे।
ल्ल अनुकंपा नियुक्ति अवधि में बदलाव- अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण लंबित होने और पात्रता के निर्धारण को लेकर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में बहुत शिकायतें थीं। पहले जिले में पद रिक्त न होने पर पंचायत सचिव के आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति ही नहीं मिलती थी। विभाग ने पंचायत अधिनियम के नियम 5 (क) के तहत अब यह प्रविधान कर दिया है कि जिस जिले में पंचायत सचिव सेवारत था, वहां की ग्राम पंचायतों में पंचायत सचिव का पद रिक्त नहीं है, तो उसके परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति अन्य जिलों में पंचायत सचिव के रिक्त पद पर दी जाएगी।
ल्ल तीन वर्ष से बढ़ाकर सात साल- साथ ही पात्रता की अवधि 2017 में मृत्यु के तीन वर्ष के भीतर रखी गई थी। इसके कारण कई पात्र आश्रित अनुकंपा नियुक्ति पाने वंचित रह गए थे। जबकि, सामान्य प्रशासन विभाग ने यह अवधि सात वर्ष निर्धारित की है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने भी अब सामान्य प्रशासन विभाग की तरह अनुकंपा नियुक्ति के लिए पात्रता तीन से बढ़ाकर सात वर्ष कर दी है। इसका लाभ यह होगा कि जो आश्रित शैक्षणिक अर्हता पूरी नहीं कर पाए थे, उन्हें अवसर मिल जाएगा। प्रदेश में 23 हजार से अधिक पंचायतें हैं।