छात्राओं के प्रदर्शन को लेकर कहा, स्कूल प्रबंधन ने इतना गुस्सा क्यों पनपने दिया

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भोपाल . मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप ने कहा कि सरोजिनी नायडू में छात्राओं के प्रदर्शन को लेकर कहा कि जिस तरह से बच्चे गुस्से में थे, इससे लगता है कि यह एक दिन का मामला नहीं है. बच्चों का गुस्सा चिंता का विषय है. स्कूल प्रबंधन ने इतना गुस्सा क्यों पनपने दिया? ये भी एक सवाल है. उन्होंने बताया कि उक्त शिक्षक को हटा दिया गया है। इस मामले में उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं.

बुधवार को सरोजिनी नायडू शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में बवाल मच गया. आक्रोशित छात्राओं ने स्कूल की मैनेजर वर्षा झा के ऑफिस में तोड़फोड़ कर दी. पंखे और नेमप्लेट को तोड़ दिया. दफ्तर के कांच, अलमारी और कंप्यूटर को भी तोड़ दिया गया. स्कूल में एनजीओ के माध्यम से राज्य ओपन बोर्ड से वर्षा की गई नियुक्ति को लेकर सवाल उठाए गए.
रिटायर्ड अधिकारी की नियुक्ति और बेवजह धूप में खड़े करने जैसी सजा देने के मसले पर छात्राओं ने जमकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान कई छात्राओं को तबीयत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया. इसे लेकर राजनीति भी हुई. प्रदेश कांग्रेस ने सरकार को जमकर घेरा था, वहीं हंगामा बढ़ता देख राज्य ओपन बोर्ड के डायरेक्टर पी ऐस तिवारी ने छात्राओं की नाराजगी को देखते हुए शिक्षक को अनिश्चितकालीन के लिए अवकाश पर पहले तो भेजा गया. इसके बाद बीती रात सरकार ने उनको सेवा से ही हटाने के आदेश दे दिए. स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा था कि ‘मेरे ध्यान में भोपाल के सरोजिनी नायडू स्कूल में बेटियों के द्वारा प्रदर्शन का विषय आया है। मैंने अधिकारियों से बात की है। बेटियों की समस्याओं का निराकरण हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। हम इसकी उच्च स्तरीय जाँच करा रहे हैं। जो भी दोषी होगा वो बख्शा नहीं जायेगा.

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