शोक मग्न है लेकिन फिर भी राजधर्म निभा रहे मोहन यादव

उज्जैन। भले ही सीएम डॉ. मोहन यादव के पिता का निधन हो गया हो लेकिन बावजूद इसके वे उज्जैन में होने के दौरान भी अपना राजधर्म निभाने से पीछे नहीं हट रहे है। बता दें कि बीते दिन ही उनके पिता का अंतिम संस्कार हुआ है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, राजधर्म का पालन कर रहे हैं। पिता की चिता शांत होने से पहले डॉ मोहन यादव काम पर लौट आए हैं। उन्होंने ग्वालियर, धार और झाबुआ जिलों में हुई विभिन्न घटनाओं के संबंध में तीनों जिलों के कलेक्टर से दूरभाष पर चर्चा कर जानकारी प्राप्त की और आम नागरिकों की राहत के लिए आवश्यक निर्देश दिए।   मुख्यमंत्री डॉ. यादव पिता के अवसान के पश्चात शोक व्यक्त करने आए नागरिकों विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों से भेंट कर राजधर्म का पालन करते हुए प्रदेश की स्थिति पर नजर भी रखे हुए हैं। वे निरंतर प्रशासनिक अधिकारियों से दूरभाष पर चर्चा भी कर रहे हैं। इसके अलावा गुरुवार को भी उन्होंने उज्जैन से भोपाल में निर्माण उद्योग विकास परिषद द्वारा आयोजित कॉन्फ्रेंस को वर्चुअली संबोधित कर “अधोसंरचना निर्माण में नवाचारों का समावेश” विषय पर आयोजित कॉन्फ्रेंस का उज्जैन से वर्चुअली शुभारंभ भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अधोसंरचना के क्षेत्र में समावेशी विकास की गुंजाइश पर आयोजित कॉन्फ्रेंस बुनियादी ढांचे, पर्यावरण, स्वास्थ्य, नवाचारों आदि संभावनाओं पर समग्र रूप से विचार किया जाए। नवीन प्रौद्योगिकी के युग में एक प्लेटफार्म पर निरंतर विचार विमर्श से ही समावेशी विकास के नए मार्ग एवं द्वार खुलेंगे। प्रदेश और निर्माण की बेहतरी के लिए हर संभावना को तलाशा जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अनुसंधानकर्ता, वैज्ञानिक गुरु की भांति हैं। अनुसंधान और शोध के क्षेत्र में जनहित की भावना का संकल्प आदिकाल से ही हमारी परंपरा में रहा हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री निवास उज्जैन में विधायक सतीश मालवीय, उज्जैन संभागायुक्त संजय गुप्ता, पुलिस महानिरीक्षक संतोष कुमार सिंह आदि अधिकारी उपस्थित रहें।