उद्यान विभाग में मशीन जंग खा रही,मजदूरों से कटाई नहीं जा रही घास हो गए झाड , काटने को कोई नहीं तैयार -उद्यान बैठने काबिल नहीं रहे,कालोनियों में सामने के घरों में जीव-जंतू घूस रहे
दैनिक अवन्तिका ब्रह्मास्त्र उज्जैन। नगर निगम के कालोनियों में मौजूद छोटे-मोटे उद्यानों में मानसून से घास अब झाड-झाडियों का रूप ले चुकी है। इन्हें काटने को कोई तैयार नहीं हैं। नगर निगम के गिनती के निरीक्षकों का उद्यानों की तरफ निरीक्षण का रूख ही नहीं हो रहा है।घास काटने की मशीन विभाग के मुख्यालय में जंग खा रही है और मजदूरों से घास नहीं कटवाई जा रही है। उद्यान बैठने काबिल नहीं रहे हैं,आसपास के रहवासी उद्यानों में पनप रहे जीव –जंतु से खौफजदा हैं।कालोनियों के विकास में नियमानुसार उद्यानों के लिए स्थान छोडे जाते हैं। आवासीय स्थितियों में इन्हें विकसित कर पर्यावरण को संरक्षण का काम किया जाता है। मानसून के दौर में इन्हीं उद्यानों में घास अब झाड और झाडियों का रूप लेती जा रही है। इन्हें काटने और रख रखाव को लेकर उद्यान विभाग की उदासीनता सिरे से सामने आ रही है। आवासीय क्षेत्रों के उद्यान तो ठीक प्रमुख उद्यानों के हाल भी ऐसे ही बने हुए हैं।
घास काटने की मशीन नहीं-आवासीय क्षेत्रों में छोटे-मोटे मिलाकर करीब 650 से अधिक उद्यान नगर निगम के पास बताए जा रहे हैं। इसके विपरित नगर निगम में मात्र 6 माली के पद ही शेष हैं। अधिकारिक स्तर पर सामने आ रहा है कि एजेंसी के माध्यम से करीब 80 मजदूरों को उद्यानों में माली के काम के लिए रखा गया है। इन्हें आवासीय क्षेत्रों के उद्यानों के रखरखाव के लिए रखा गया है। हाल यह हैं कि आवासीय क्षेत्र के उद्यानों में घास काटने की स्थिति नहीं है। विभाग के पास घास काटने की मशीन क्षेत्रों में कभी नजर नहीं आती है।रहवासी चंदा कर घास कटवाने को मजबूर-इधर कई क्षेत्रों में आवासीय स्तर पर मौजूद उद्यानों के आसपास के रहवासियों के अनुसार उद्यान में घास का स्तर झाड जैसा होने को आ गया है लेकिन उद्यान विभाग की और से कोई सूध लेने नहीं पहुंचता है। हाल यह हैं कि पूर्व में भी हमने चंदा कर घास कटवाई और इस बार भी इसे लेकर मजबूरी दिख रही है। कई बार तो क्षेत्रीय रहवासी ही सेवा के रूप में अवकाश दिवस को इस कार्य को सामूहिक रूप से अंजाम देने पर मजबूर हो रहे हैं।
हर झोन में निरीक्षक,लेकिन कभी देखने नहीं पहुंचते-
नगर निगम के सूत्रों का कहना है कि शहर के 6जोन में 6 निरीक्षक उद्यान विभाग की और से तैनात किए गए हैं। उनकी देखरेख में ही उद्यानों के रखरखाव का काम ठेके के कर्मियों से लिया जाता है। ठेके पर करीब 80 कर्मचारी उद्यान विभाग में रखरखाव के लिए रखे जा रहे हैं। इसके उलट आवासीय क्षेत्रों में हाल यह हैं कि उद्यानों में घास की लंबाई बता रही है कि यहां कितना निरीक्षण किया गया है और किस स्तर का रखरखाव किया ता रहा है। अच्छी कालोनियों में भी उद्यानों के रखरखाव को अंजाम देने में गुरेज किया जा रहा है। आजादनगर,राजस्व कालोनी,महाश्वेतानगर,महानंदानगर,ऋषिनगर ही नहीं अनेकानेक आवासीय क्षेत्रों के उद्यानों में यही स्थिति बनी हुई है।
बडे उद्यान भी बेहाल-
नगर निगम के आवासीय क्षेत्र में स्थित उद्यानों को लेकर उदासीनता सामने है।यही नहीं नगर निगम के बडे उद्यानों के हाल भी ऐसे ही बने हुए हैं। देवास रोड से लगे टैगोर उद्यान में भी वर्तमान में ऐसे ही हाल देखे जा सकते हैं। दशहरा मैदान आवासीय क्षेत्र में नेहरू उद्यान के हाल भी कमोबेश बेहाल की स्थिति में ही हैं।
मुख्य मार्ग की रोटरी की झाडियों का संधारण नहीं-
नगर निगम के उद्यान विभाग ने एमआर-2 पर भरतपुरी से लेकर नानाखेडा तक रोड के दोनों और रोटरी का निर्माण एवं फूटपाथ बना रखे हैं। इन रोटरियों में इस कदर घास और झाडियां हो गई हैं कि इनमें फूटपाथ दिखाई ही नहीं देता है। सडक के बीच की झाडियों से कई बार डिवाईडर के पास से निकलने वाले वाहनों से झाडियों का टकराव होने से दुर्घटना की स्थिति बनी रहती है।
उद्यानों में जीव –जंतु पनप रहे-
कालोनियों में रहवासी क्षेत्रों के बीच के उद्यानों में घास के झाड के हलातों में आने से इनमें जीव –जंतु पनप रहे हैं। अक्सर इन उद्यानों से सांप निकलकर आसपास के घरों में घूसते हैं ऐसे में आसपास रहने वाले खौफजदा हो रहे हैं। आए दिन ऐसे रहवासियों में से किसी न किसी के घर में सांप आने से उसे पकडने वाले को बुलाना पड रहा है। पकडने वाले 500रूपए लेकर सांप को पकड रहे हैं । इस पर भी जान का जोखिम रहवासियों को बना हुआ है।
-हाल ही में हमने नेहरू उद्यान का रखरखाव किया है। हमारे मजदूर एक सप्ताह में एक गार्डन को कंपलीट करते हैं। शहीद पार्क के लिए एक स्थाई माली है। मानसून सत्र में घास तेजी से बढती है। कालोनियों के गार्डनों में घास कटाई के लिए ठेके के कर्मचारियों का शेड्यूल जारी कर दिया जाएगा। मशीन का उपयोग कम ही करते हैं पत्ती की तलवार से घास ठीक कट जाती है।
-मनोज राजवानी,सहायक यंत्री एवं प्रभारी उद्यान विभाग नगर निगम उज्जैन