कृषि के क्षेत्र   में   भी भारत के कदम निरंतर बढ़ रहे है

कृषि के क्षेत्र   में   भी भारत के कदम निरंतर बढ़ रहे है और इसका उदाहरण एक बार फिर सामने आया है। दरअसल ओडिशा के बलांगीर जिले से पहली बार ड्रैगन फ्रूट का निर्यात दुबई जैसे शहर में किया गया है। निश्चित ही इस कारण किसानों को तो लाभ मिला ही है वहीं भारत की पहचान भी विदेशों में एक बार फिर से स्थापित हुई है।  प्राप्त जानकारी के अनुसार दुबई में हुए इस निर्यात के पीछे पलाडियम इंडिया और एपीईडीए का महत्वपूर्ण सहयोग है।
एग्रीकल्चर एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी  और बागवानी निदेशालय ने पलाडियम ग्रुप के तकनीकी सहयोग से प्रमोशन एंड स्टेबलाइजेशन ऑफ फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन  प्रोजेक्ट के तहत पहली बार ओडिशा के बलांगीर जिले के पटनागढ़ से दुबई के लिए ड्रैगन फ्रूट का निर्यात किया है। लगभग चार क्विंटल प्रीमियम गुणवत्ता वाले ऑर्गेनिक ड्रैगन फ्रूट्स को भुवनेश्वर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के माध्यम से दुबई भेजा गया।  यह ड्रैगन फ्रूट्स ऑर्गेनिक तरीके से उगाए गए थे।  हालांकि, स्थानीय बाजार में कीमतें कम हो गई थीं, जो  120-160 प्रति किलोग्राम के बीच थीं।   इस निर्यात पहल ने ड्रैगन फ्रूट्स का दर्जा बढ़ाया है, जिससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजार में 250-260 प्रति किलोग्राम की कीमत मिली है।  ओडिशा के उपमुख्यमंत्री केवी सिंह देव ने इस सहयोग के प्रति अपनी उत्सुकता व्यक्त करते हुए कहा कि इसने राज्य के कृषि निर्यात पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है।

कैंसर मरीजों के लिए लाभदायक
एक मीडिया बयान में कहा गया कि इस निर्यात पहल ने ड्रैगन फ्रूट्स का दर्जा बढ़ाया है, जिससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजार में  250-260 प्रति किलोग्राम की कीमत मिली है। ओडिशा के उपमुख्यमंत्री केवी सिंह देव ने इस सहयोग के प्रति अपनी उत्सुकता व्यक्त करते हुए कहा कि इसने राज्य के कृषि निर्यात पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है। उन्होंने कहा, “ऑर्गेनिक ड्रैगन फ्रूट्स ने कैंसर मरीजों के लिए जबरदस्त लाभ दिखाए हैं और यह ब्लड प्रेशर कम करने, शुगर लेवल को नियंत्रित करने और अन्य बीमारियों से लड़ने में भी प्रभावी साबित हुआ है।  मुझे उम्मीद है कि ये ताजे और ऑर्गेनिक उत्पाद हर घर तक पहुंचेंगे, जिससे बेहतर स्वास्थ्य परिणाम प्राप्त होंगे।इसके साथ ही मैं दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में निर्यात बढ़ाने की उम्मीद करता हूं जहां इसकी भारी मांग है।

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एएसपी-सीएसपी ने किया भ्रमण, व्यापारियों के साथ बैठक हरिहर मिलन मार्ग पर हिंगोट चलाने वालों पर ड्रोन की रहेगी नजर उज्जैन। आज बैकुंड चतुदर्शी पर धार्मिक नगरी में हरिहर मिलन का अद्भूत नजारा दिखाई देगा। महाकाल मंदिर से गोपाल मंदिर तक मार्ग की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बुधवार को पुलिस प्रशासन ने क्षेत्र के सराफा और बर्तन व्यापारियों के साथ बैठक की। हरिहर मिलन के दौरान हिंगोट और अनियंत्रित आतिशबाजी को प्रतिबंधित किया गया। आदेश का उल्लघंन करने वालों पर ड्रोन से नजर रखी जायेगी। हरिहर मिलन पर बाबा महाकाल सृष्टि का भार सौंपने आज रात 11 बजे हरि के दरबार गोपाल मंदिर पहुंचेगें। महाकाल मंदिर से बाबा की पालकी धूमधाम के साथ निकाली जायेगी। इससे पहले पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर अपनी तैयारियों को पुख्ता किया और मार्ग का निरीक्षण किया। सीएसपी ओपी मिश्रा ने बताया कि एएसपी नितेश भार्गव की मौजूदगी में सराफा-बर्तन व्यापारियों के साथ बैठक की गई। जिसमें तय किया गया कि हरिहर मिलने के दौरान अनियंत्रित आतिशबाजी नहीं की जायेगी। बाबा महाकाल की सवारी के दौरान हिंगोट पर प्रतिबंध रहेगा, ताकि श्रद्धालुओं को कोई हानि ना हो। बैठक में व्यापारियों से सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर समन्वय बनाते हुए कहा गया कि आपकी दुकान पर लगे कैमरों का मूवमेंट सवारी मार्ग की ओर रखा जायेगा। आसपास की गलियों में प्रकाश व्यवस्था को बेहतर रखा जायेगा। वहीं किसी को भी अपने प्रतिष्ठान और दुकान का उपयोग हिंगोट चलाने के लिये नहीं करने दिया जायेगा। सवारी मार्ग पर शांति भंग करने और अव्यवस्था फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी। सीएसपी ने बताया कि हिंगोट चलाने वाले और सवारी में अव्यवस्था फैलाने वालों पर ड्रोन से नजर रखी जायेगी। बैठक के दौरान व्यापारियों ने मार्ग पर हिंगोट नहीं चलाने के अपील करने के लिये बैनर-फ्लेक्स लगाने की बात कहीं है। सुरक्षा में तैनात रहेगा पुलिस बल एएसपी नितेश भार्गव ने बताया कि हरिहर मिलन के दौरान क्षेत्र की यातायात व्यवस्था में परिर्वतन किया गया है। रात 10 बजे बाद सवारी मार्ग पर वाहनों की आवाजाही नहीं रहेगी। सुरक्षा के लिये पुलिस बल की तैनाती की जायेगी। मार्ग पर ऊंची बिल्डिंगों से पुलिसकर्मी दूरबीन से नजर रखेगें। सादी वर्दी में पुलिस कर्मियों की तैनाती रहेगी।