सड़क विकास निगम वसूलेगा इंदौर-उज्जैन सहित 14 सड़कों का टोल टैक्स
निर्माण भी निगम द्वारा ही किया जा रहा है
उज्जैन। आगामी सिंहस्थ को देखते हुए इंदौर उज्जैन के साथ ही उज्जैन जावरा की सड़कों का निर्माण सड़क विकास निगम द्वारा किया जा रहा है लेकिन टोल टैक्स वसूली का भी जिम्मा निगम पर ही रहेगा अर्थात इन सड़कों समेत अन्य 14 सड़कों का टोल टैक्स निगम के जिम्मे रहेगा। बता दें कि प्रदेश में नई सडक़ों पर टोल टैक्स वसूली की व्यवस्था बदलने की तैयारियों का खाका तैयार हो रहा है। इसके तहत मप्र की सड़कों पर अब सडक़ विकास निगम ही टोल वसूलेगा। स्टेट हाइवे पर बनने वाली नई सड़कों के लिए जारी टेंडर की शर्तों में ही इसके प्रावधान होंगे। इसके एवज में सड़क निर्माण करने वाली ठेका एजेंसी को सड़क बनाने में व्यय होने वाली राशि का 40 प्रतिशत निर्माण के समय और शेष 60 प्रतिशत राशि 15 साल का अनुबंध कर प्रतिशत वर्ष भुगतान की जाएगी।
दरअसल, निगम का मानना है कि सड़क बनने के बाद आवागमन बढ़ता है और इससे ठेका एजेंसी प्रतिवर्ष लाभ उठाती हैं, लेकिन अगर सड़क विकास निगम टोल टैक्स वसूलेगा तो आवागमन बढऩे के साथ ही निगम की आय भी बढ़ेगी। नई सडक़ों का ट्रैफिक सर्वे कराकर तय किया जाएगा टोल कितना और कहा वसूला जा सकता है। इसके लिए स्थानीय प्रशासन और स्थानीय लोगों से सुझाव भी लिए जाएंगे। सड़क विकास निगम उज्जैन- जावरा, इंदौर-उज्जैन के अलावा 14 नई सड़कें बना रहा है। इन सड़कों पर निगम ही टोल टैक्स वसूलेगा। इसके लिए यातायात गणना के आधार पर टोल टैक्स का निर्धारण किया जाएगा। 14 नई सड़कों में पांच सड़कें ऐसी हैं, जो उत्तर प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा से लगी हैं। ऐसे में यहां यातायात बढ़ने की संभावना अधिक है। यहां निगम द्वारा टोल वसूलने से राज्य का राजस्व संग्रहण बढ़ेगा और निगम आर्थिक रूप से भी सशक्त होगा।
बजट के अतिरिक्त वित्तीय संसाधनों को जुटाने के लिए एमपीआरडीसी (मप्र सड़क विकास निगम) द्वारा निर्मित मार्गों को यूजर की योजना के तहत चयन के लिए यातायात की गणना कर संभावित वार्षिक संग्रहण राशि (एपीसी) का निर्धारण किया जाएगा। निर्मित मागों का टीओटी (टोल ऑपरेट एंड ट्रांसफर), ओएमटी (आपरेट मेंटेन एंड ट्रांसफर) मॉडल में परीक्षण कर विकसित किए जाएंगे। यह प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जाएगा और वहां से स्वीकृति के बाद टोल टैक्स का निर्धारण कर वसूली की व्यवस्था की जाएगी। टोल कंपनियां सड़क निर्माण पर आई लागत से कहीं ज्यादा टोल वसूल रही हैं। इसको लेकर सरकार के पास लगातार शिकायतें पहुंच रही हैं। ऐसे में अब सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रदेश में बनने वाली नई सड़कों पर प्राइवेट कंपनियों को टोल टैक्स वसूली का काम नहीं दिया जाएगा। अब खुद सडक़ विकास निगम नई सड़कों पर टोल टैक्स वसूलेगा।