निजी एजेंसी तैयार करेगी प्रदेश का विजन डॉक्यूमेंट

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मध्यप्रदेश का विकास लगातार हो रहा है और अब इस विकसित प्रदेश का विजन डॉक्यूमेंट तैयार कराया जा रहा है, इसका जिम्मा एक निजी एजेंसी को सौंपा गया है।
भोपाल से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस डॉक्युमेंट में राज्य के सभी विभागों को आठ प्रमुख सेक्टर्स—कृषि, उद्योग, सेवाएं, सरकार, शिक्षा-स्किल, स्वास्थ्य, पर्यावरण, संसाधन, और वित्त में विभाजित किया गया है। हर विभाग ने अपने-अपने सेक्टर के लिए विशेषज्ञों की मदद से ड्राफ्ट तैयार किया है, जिसमें भविष्य में उनकी भूमिका और प्रदेश की अर्थव्यवस्था में योगदान की रूपरेखा तैयार की गई है।
कृषि, उद्योग और शहरीकरण पर विशेष ध्यान: प्रदेश की आर्थिक और सामाजिक संरचना को सुदृढ़ करने के लिए कृषि, उद्योग, और शहरीकरण पर विशेष ध्यान दिया गया है। सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने और कृषि में सुधार के लिए मिलेट्स अन्न को बढ़ावा देने तथा प्रसंस्करण सुविधाओं के विकास की योजना बनाई है। सिंचाई का लक्ष्य बढ़ाकर एक करोड़ हेक्टेयर तक पहुंचाने का है, जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी। साथ ही, सर्कुलर इकोनॉमी के तहत फसल अवशेषों का उपयोग कर बायो एनर्जी जैसे विकल्पों को विकसित कर अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
शहरीकरण और उद्योग: विकासखंड स्तर पर अर्बनाइजेशन: शहरी विकास और रोजगार सृजन के लिए अर्बनाइजेशन को विकासखंड स्तर पर ले जाने की योजना है। संभागों के आसपास इंडस्ट्री के विकास को बढ़ावा देने के लिए रीजनल इंडस्ट्री कॉन्फ्रेंस आयोजित की जा रही हैं, ताकि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ें। इसके अलावा, जिला निवेश संवर्धन समितियों का गठन भी किया जाएगा, जिससे स्थानीय निवेश और इंडस्ट्री के विकास को गति मिलेगी।
प्रदेश में जल निकायों और पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ावा देने के लिए सरकार पर्यटन क्षेत्रों का विकास और खेल आयोजनों के विस्तार की योजना बना रही है। इससे राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही स्थानीय रोजगार और आय के नए स्रोत भी विकसित होंगे। इस विजन डॉक्युमेंट के माध्यम से, मध्य प्रदेश को 2047 तक एक विकसित और सशक्त राज्य बनाने की योजना बनाई जा रही है।

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