सिकलीगरों को दूर करेंगे हथियारों के धंधे से…

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इंदौर। अवैध हथियारों को बनाने और बेचने वाले सिकलीगरों को अब पुलिस प्रशासन मुख्यधारा में लाने के लिए योजना बनाने में जुटा हुआ है। फिलहाल पुलिस के आला अफसर ऐसे 50 से ज्यादा सिकलीगरों की काउंसलिंग कर रहे है जो अभी अपराध की दुनिया में नहीं है हालांकि अवैध हथियारों का निर्माण जरूर करते है। बावजूद इसके पुलिस प्रशासन यह चाहता है कि ऐसे सिकलीगरों को नौकरी दिलाई जाए ताकि  ये अपने परिवार का लालन पालन कर सकें।
ऐसे सिकलीगरों को चिन्हित किया जा रहा है जो अब तक अपराध की दुनिया से दूर रहे हो. इसके तहत खंडवा, खरगोन, बड़वानी, धार, बुरहानपुर के साथ साथ अन्य ऐसे क्षेत्र जो अवैध हथियारों का गढ़ बन चुके है, वहां के सिकलीगरों की पुश्ते अवैध हथियार बनाने में माहिर होते है. जिसके चलते यह लोग अवैध हथियारों के सौदागर बने हुए है. मगर ऐसे सिकलीगर जो अब तक अपराध की दुनिया से कोसो दूर रहे है, ऐसे ही 50 से अधिक सिकलीगरों से इन दिनों काउंसलिंग की जा रही हैं. जल्द ही अब यह भी समाज की मुख्य धारा का हिस्सा बन जाएंगे. पुलिस इनको नौकरी दिलवाने के लिए कुछ निजी उद्योगों और कंपनियों से बातचीत कर रही है  ताकि वे अपराध की दुनिया छोड़ सामाजिक दुनिया में रहकर अपना व अपने परिवार का लालन पालन स सम्मान कर सकें.

अवैध हथियारों का धंधा कई सालों से

ज्ञात हो कि खरगोन, खंडवा, बड़वानी, धार, बुरहानपुर आदि क्षेत्रों में बहुआयत में सिकलीगर अलग-अलग डेरों में रह कर अवैध हथियारों का धंधा कई सालों से करते आ रहे है. वहीं इन्हीं अवैध हथियारों की कमाई से कमाए गए रुपयों से इनका व इनके परिवार का लालन-पालन होता है. मगर अब पुलिस इनकी इस काबलियत को देखते हुए इनसे काउंसलिंग कर इन्हें समाज की मुख्यधारा में जल्द ही जोडऩे का प्रयास कर रही है. खंडवा, खरगोन, बड़वानी, धार, बुरहानपुर में बनने वाले अवैध हथियारों की सप्लाई पूरी भारत में होती है. शहर में ही पिछले एक साल के आंकड़ों पर नजर डाले तो तीन सौ से अधिक अवैध हथियार पुलिस ने जब्त किए है. जो इन्ही क्षेत्रों में बनाए गए है. यहां के सिकलीगरों पर पहले से कई अपराध दर्ज है. मगर ऐसे सिकलीगर जिन पर अन्य कोई प्रकरण दर्ज नहीं हैं उन्हें चिन्हित किया गया है.

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