योजना में 7 हजार 307 गाँव चुने गए, यहाँ 5 साल तक चलेंगे विकासमूलक काम
जनजातीय वर्ग के सामाजिक व आर्थिक हितों की रक्षा एवं इनकी बसाहटों के समग्र विकास के लिये भारत सरकार द्वारा विशेष केन्द्रीय सहायता के अंतर्गत प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना (पीएमएएजीवाई) संचालित की जा रही है। इस योजना में मध्यप्रदेश के 47 जिलों के जनजातीय बहुल 7 हजार 307 गांव चुने गये हैं। योजना के तहत पाँच सालों में इन चयनित गांवों में विभिन्न क्षेणी के विकासमूलक कार्य कराये जाएंगे।
प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत वित्त वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 में बड़वानी, भोपाल, बुरहानपुर, छतरपुर, दमोह, गुना, खण्डवा, नरसिंहपुर, राजगढ़, सिंगरौली, विदिशा, रीवा, झाबुआ, धार एवं श्योपुर कुल 15 जिलों के 2 हजार 523 गांवों में 133 करोड़ 14 लाख 62 हजार रूपये की लागत से बुनियादी सुविधाओं के विस्तार के साथ-साथ शैक्षणिक एवं कौशल उन्नयन से जुड़े 6 हजार 50 कार्य कराये गये हैं। अनूपपुर, मुरैना, सतना, सीधी, देवास, बैतुल, श्योपुर, सीधी, मंडला, उमरिया, नीमच, रतलाम, अलीराजपुर, मंदसौर एवं खरगोन कुल 15 जिलों के 1 हजार 675 गांवों में 4 हजार 27 विकास कार्यों के लिये 302 करोड़ 53 लाख 58 हजार रुपये की भेजी गई कार्ययोजना को वित्त वर्ष 2024-25 में भारत सरकार से मंजूरी मिल गई है। अब कार्ययोजना के अनुसार यहाँ स्वीकृत निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं। प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना में चयनित धार जिले में प्रदेश में सर्वांधिक 689 गांवों में वर्तमान में 1 हजार 634 से अधिक निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं। भारत सरकार से इन कामों के लिये 136 करोड़ 35 लाख 12 हजार रूपये मंजूर किये गये हैं।
योजना के बारे में
प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना को 5 वित्त वर्षों (2021-22 से 2025-26) में क्रियान्वित किया जाना है। इस योजना का उद्देश्य विशिष्ट जनजातीय आबादी बहुल गांवों को एक आदर्श ग्राम (मॉडल विलेज) के रूप में विकसित करना है वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर कम से कम 50 प्रतिशत जनजाति आबादी और कम से कम 500 की जनजाति आबादी वाले 36 हजार 428 से अधिक गांवों को इस योजना में कवर किया जाना है। योजना से 4 करोड़ 22 लाख (देश की कुल जनजातीय आबादी का लगभग 40 प्रतिशत) जनजातीय आबादी लाभान्वित होगी। योजना में चुने गये सभी गांवों का एकीकृत सामाजिक-आर्थिक विकास किया जायेगा। इसमें जनजातीय वर्ग की जरूरतों, क्षमताओं और उनकी आकांक्षाओं के आधार पर ‘ग्राम विकास योजना’ तैयार करना भी शामिल है। इसके अलावा केंद्र/राज्य सरकारों की व्यक्तिगत/पारिवारिक/सामुदायिक लाभमूलक योजनाओं के कवरेज को अधिकतम स्तर तक ले जाना और स्वास्थ्य, शिक्षा, कनेक्टिविटी (संपर्क) व आजीविका जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को सशक्त करना भी इस योजना के प्रमुख घटक हैं।