दिल्ली से आये 2 श्रद्धालुओं के साथ हुई थी धोखाधड़ी भस्मारती के नाम पर 4 हजार रूपये लेने वाले 2 आरोपी हिरासत में

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दैनिक अवंतिका
उज्जैन। महाकाल दर्शन करने दिल्ली से आये 2 श्रद्धालुओं के साथ भस्मारती के नाम पर ई-रिक्शा चालक और उसके साथियों ने 4 हजार की धोखाधड़ी कर दी। पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद कुछ घंटे में ही सोमवार शाम 2 आरोपियो को गिरफ्तार कर लिया।
दिल्ली के मालवीय नगर चिराग हाऊस नंबर 23 में रहने वाला सोहन प्रकाश पिता दिनेशचंद्र उपाध्याय एमआर शिप का काम करता है। 8 अगस्त को दोस्त गगन शर्मा के साथ महाकाल दर्शन करने आया था। दोनों को ई-रिक्शा चालक ने हरिफाटक मार्ग पर होटल यूनिक्यू पर छोड़ा। रिक्शा चालक ने दोनों को बाबा महाकाल की भस्मारती कराने का झांसा दिया और मोबाइल पर एक पंडित से बता कराई। पंडित ने एक व्यक्ति के 4 हजार रूपये बताये। सोहन प्रकाश तैयार हो गये और एडवांस के तौर पर 28 सौ रूपये नगद और 12 सौ आनलाइन ट्रांसफर कर दिये। पंडित ने उन्हे रात 2 बजे गेट नम्बर 1 पर बुलाया। भस्मारती के लिये गेट नम्बर 1 पहुंचे एमआर और उसका साथी रातभर रिक्शा चालक और पंडित का इंतजार करते रहे। लेकिन दोनों नहीं आये, उन्होने मोबाइल भी रिसिव नहीं किया। अपने साथ धोखाधड़ी होने पर सोमवार सुबह श्रद्धालुओं ने महाकाल थाने पहुंचकर शिकायत की। पुलिस ने मामले में मोबाइल धारको के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया और तलाश शुरू की। शाम को रिक्शा चालक अर्जुन जाट और फूलप्रसाद की दुकान लगाने वाले भरत नाम के दोनों व्यक्ति को हिरासत में ले लिया गया। जिनसे पूछताछ की जा रही है। मामले में एसआई हेमंत जादौन ने बताया कि दोनों से पूछताछ की जा रही है। जिस मोबाइल नम्बर पर आॅनलाइन रूपये ट्रांसफर कराये गये थे उसका पता लगाया जा रहा है। जल्द मामले का खुलासा किया जायेगा।
रिक्शा चालक बोला था अभी नहीं होगें दर्शन
सोहन प्रकाश उपाध्याय ने बताया कि 8 अगस्त को उज्जैन पहुंचने के बाद रेलवे स्टेशन के बाहर ई-रिक्शा चालक मिला था। जिससे मंदिर जाने का किराया पूछा था, उसने बताया कि अभी दर्शन नहंी होगें। आप अन्य मंदिरों के दर्शन कर सकते हो। महाकाल दर्शन नहीं होने की बात सुनकर वह रिक्शा चालक के साथ अन्य मंदिरों के दर्शन के लिये चले गये। होटल पहुंचने पर उसने भस्मारती दर्शन कराने की बात कहंी थी। रिक्शा चालक ने अपना नम्बर दिया तो उसका नाम ट्रू कॉलर पर अर्जुन होना सामने आया था। जिस नम्बर पर आॅनलाइन ट्रांजेक्शन कराया वह नाम सलोनी सामने आया था।
मंदिर पहुंचने से पहले ही बदमाश देते है झांसा
महाकाल लोक बनने के बाद देशभर से प्रतिदिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे रहे है। रेलवे स्टेशन, बस स्टेंड पहुंचने के बाद मंदिर आने पर बाहर ही उन्हे जल्दी दर्शन कराने के साथ पूजा-अर्चना के नाम पर शातिर बदमाशों द्वारा अपने झांसे में ले लिया जाता है। उन्हे महाकाल दर्शन करने के बजाय भस्मारती में शामिल होने की बात कहंी जाती है। श्रद्धालु भी बिना किसी झंझट के अनुमित मिलने और आसानी से दर्शन होने के लालच में बदमाशों का शिकार हो जाता है। पूर्व में भी कई श्रद्धालुओं के साथ भस्मारती के नाम पर धोखाधड़ी हो चुकी है।

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