उज्जैन मंडी में भी नए सोयाबीन की आवक शुरू

उज्जैन।  मध्यप्रदेश की प्रमुख नीमच और मंदसौर मंडी के पश्चात अब उज्जैन मंडी में भी नए  सोयाबीन की आवक शुरू होने लगी है। वही दूसरी ओर सोयाबीन के भाव को लेकर किसान एवं किसान संगठन 6000 रुपये प्रति क्विंटल होने की मांग कर रहे है। लेकिन सोयाबीन के भाव अभी भी निचले स्तर पर बने हुए है।

हालांकि, किसानों के प्रदर्शन के बाद थोड़े समय के लिए सोयाबीन के भाव में हल्की तेजी नजर आई थी। उज्जैन मंडी में नया सोयाबीन 3000 रुपए क्विंटल तक ही बिका है। इससे किसानों में निराशा का माहौल बना हुआ है।  उज्जैन मंडी में 9 सितंबर को नई सोयाबीन की 8 बोरी आवक रही है। यह मंडी में सीजन का पहला सोयाबीन बताया जा रहा है। उज्जैन जिले के गोरखेड़ी के रहने वाले किसान अशोक 8 बोरी सोयाबीन मंडी में लाए। उन्हें इसका भाव सिर्फ 3021 रुपये प्रति क्विंटल ही मिला। इधर किसानों ने यह भी बताया है कि सितंबर के अंतिम सप्ताह तक मंडियों में नई सोयाबीन की अच्छी आवक होने लगेगी। कृषि एवं बाजार विशेषज्ञों ने आने वाले सीजन के दौरान सोयाबीन के क्या भाव  रहेंगे, इस विषय में रिपोर्ट जारी की है। वहीं दूसरी ओर सोयाबीन के भाव बढ़ाने के लिए किसान आंदोलन कर रहे हैं, इसके बावजूद सोयाबीन के भाव बढ़ेंगे या नहीं यह अभी स्पष्ट नहीं है। किसान वर्ग चाहता है कि उन्हें भाव अधिकतम मिले, क्योंकि इसका लागत खर्च अधिक है। तीन साल से सोयाबीन के भाव नुकसान वाले मिल रहे हैं।

भाव कम क्यों है

सोयाबीन के भाव में गिरावट की वजह सोयाबीन तेल की प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है देश में सोयाबीन तेल का भरपूर स्टॉक है वहीं विदेशों में सोयाबीन का भाव कम होने के कारण स्थानीय बाजार में सोयाबीन का भाव नहीं बढ़ पा रहा है। बताया जा रहा है कि सरकार ने सोया तेल एवं सोयाबीन को आयात फ्री कर रखा है। वहीं सोयाबीन के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध है। जिसके कारण भारतीय किसानों को सोयाबीन का पर्याप्त भाव नहीं मिल पा रहा है। सोयाबीन कारोबारियों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोयाबीन की तेजी और मंदी बनती है।