महाशिवरात्रि पर दीपों का महा महोत्सव मनाने तैयार है उज्जैन
आज और कल 4 घाटों पर स्नान प्रतिबंधित
दुल्हन की तरह सज रही है महाकाल की नगरी, टावर से तीन बत्ती चौराहे के बीच रंगबिरंगी विद्युत सज्जा, घाट पर दीप जलाने की रिहर्सल, दीपक लगना शुरू
वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए चार घाट पर 13500 स्वयंसेवक 13 लाख दीपक जलाएंगे
उज्जैन। महाशिवरात्रि महामहोत्सव में 1 मार्च को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए चार ब्लॉक (घाट) में 13 लाख दीप प्रज्ज्वलित किए जाएंगे। इसके लिए रविवार से तैयारी शुरू हो गई। इस महा महोत्सव को मनाने के लिए उज्जैन पूरी तरह तैयार है।आज से ही इन घाटों पर आना-जाना प्रतिबंधित कर दिया है। स्नान के लिए श्रद्धालुओं को कर्कराज और भूखीमाता घाट पर जाना होगा। आज सभी 13 लाख दीपक घाटों पर जमा दिए जाएंगे। कल मंगलवार दोपहर से तेल, बाती डालने का काम शुरू होगा और शाम सूर्यास्त के बाद दीपों का प्रज्ज्वलन होगा। दीप जलाने के लिए 13500 स्वयंसेवक तैनात होंगे। इधर शहर को नागरिक और व्यापारी विद्युत सज्जा आदि से दुल्हन की तरह सजा रहे हैं।
एक मार्च को महाशिवरात्रि पर महामहोत्सव मनाया जाएगा। इसके लिए पूरे शहर को रंगोली, ध्वज-पताकाओं, फूलों से सजाने के साथ चौराहों, भवनों को रंगबिरंगी विद्युत रोशनी से सजाया जा रहा है। मंगलवार शाम शिप्रा के किनारे 4 घाटों रामघाट, दत्त अखाड़ा, सुनहरी घाट व केदारेश्वर घाट पर 13 लाख दीपकों का एक साथ प्रज्ज्वलन कर विश्व रिकॉर्ड बनाया जाएगा।
डेमो देकर बताया कैसे दीप जमाए और जलाएं
दीये जलाने के लिए चार ब्लॉक के 127 सेक्टर्स में 13500 स्वयंसेवकों को तैनात किया जाएगा। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए काम करने वाली टीम ने रविवार सभी संस्थाओं के पदाधिकारियों को पूरा डेमो देकर बताया कि 1 मार्च को कैसे दीप जमाएं, तेल-बाती लगाएं और एक साथ जलाएं। एक स्वयंसेवक को 50 दीपक जलाने होंगे।
आज 12 बजे से भूखी माता एवं कर्कराज घाटों पर ही स्नान
महामहोत्सव की तैयारियों के लिए प्रशासन ने 28 फरवरी की दोपहर 12 बजे से 1 मार्च तक स्नान व्यवस्था तय की है। इस दौरान श्रद्धालु भूखी माता घाट एवं कर्कराज घाट पर ही स्नान कर सकेंगे। अन्य घाटों पर स्नान नहीं होगा।