दुल्हन की तरह सजी महाकाल की नगरी
सुबह जब लोग उठे तो पूरे शहर का दृश्य बदला हुआ था , जगह-जगह आकर्षक रंगोली और सजावट से ऐसा लगा मानो आज ही दीपावली हो
:शिव के समक्ष दीप लगाने से ज्ञान, मोक्ष और शिवलोक की प्राप्ति
उज्जैन। महाशिवरात्रि पर आज पूरा नगर शिव के प्राकट्य दिवस और लोक मान्यताओं के अनुसार विवाह प्रसंग उत्सव में डूब गया है। इसके लिए हर घर, प्रतिष्ठान, मंदिर और गली-चौराहों पर तैयारी की गई है। एक दिन पहले ही शहर की सजावट कर दी गई थी। मंगलवार सुबह जब लोग जागे तो उन्हें रास्तों पर रंगोली, सजावट दिखाई दी। बाहर से आने वालों का स्वागत द्वारों से अभिनंदन होगा। शाम को शहर में दीपावली मनेगी।
संतों का कहना है शिव स्वयं ज्योतिर्मय हैं। शिव का महिमागान करने वाले धार्मिक ग्रंथों और पुराणों में शिव के सामने दीप लगाने का महात्म दिया गया है। महामंडलेश्वर स्वामी शांति स्वरूपानंद कहते हैं शिव स्वयं ज्योतिर्मय हैं। वे प्रकाश के रूप में ही प्रकट हुए हैं। प्रवचनकार शीला दीदी कहती हैं स्कंदपुराण के महेश्वर व केदार खंड के अनुसार शिव के सामने दीपक लगाने से स्वयं के साथ10 पीढ़ियों का मोक्ष होता है।
ज्ञान की प्राप्ति होती है तथा शिवलोक में वास होता है। हरदा के पंडित प्रमोद शुक्ला ने बताया कि शिव से ही उत्पत्ति है और शिव में ही सारी सृष्टि का उत्पन्न और विलय है। शीला दीदी के नेतृत्व में 50 महिलाओं का समूह शिवरात्रि पर पंचक्रोशी के चार प्रमुख पड़ाव स्थलों की यात्रा करेगा। इधर कोठी से लेकर शहर के सभी मार्गों और प्रमुख स्थानों पर रंगोली बनाकर केबी पंड्या ने रातभर जागकर शहर को सजाया है। नगर निगम के कर्मचारियों ने ध्वज और पताकाएं लगाई।
ईसाई समुदाय ने देवासरोड पर सज्जा कर मनाया उत्सव
ईसाई समुदाय द्वारा महाशिवरात्रि महामहोत्सव के तहत देवास रोड पर स्वीमिंग पूल चौराहे पर सज्जा एवं दीपमालिका लगाकर उत्सव मनाया जाएगा। बिशप सेबेस्टियन वडक्कल ने कहा महाशिवरात्रि हम सब का पर्व है।