प्राचार्यों को बताया कैसे किया जाए वित्तीय प्रबंधन
इंदौर। मप्र शासन उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा विभाग इंदौर संभाग द्वारा दो दिनी कार्यक्रम का आयोजन प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस अटलबिहारी वाजपेयी शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में किया गया।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य प्राचार्यों और लेखापालों की क्षमता का संवर्धन करना है। कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञों द्वारा वित्तीय शक्ति भंडार क्रय, वित्तीय प्रबंधन, एकीकृत वित्तीय प्रबंधन एवं सूचना प्रणाली व गर्वमेंट ई-मार्केट पोर्टल विषय पर जानकारी दी गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित संयुक्त संचालक संभागीय पेंशन कार्यालय अधिकारी टीएस बघेल का स्वागत प्रभारी अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा डॉ. किरण बाला सलूजा ने किया। विशेष अतिथि डॉ. सुरेश टी सिलावट का स्वागत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रकाश गर्ग, होलकर महाविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी डॉ. आरसी दीक्षित ने किया।
कार्यक्रम में टीएस बघेल ने पेंशन प्रक्रिया संबंधी जानकारी दी। उन्होंने प्राचार्यों को सलाह देते हुए कहा कि महाविद्यालय में वित्तीय नियंत्रण रखने के लिए लॉगिग पासवर्ड, यूजरनेम, ओटीपी किसी अन्य कर्मचारी से शेयर न करंे। साथ ही उन्होंने ई-प्रोफाइल को अपडेट रखने और उसके निर्माण संबंधी जानकारी दी। इस मौके पर विशेष अतिथि होलकर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुरेश टी. सिलावट पेंशन अधिकारी टीएस बघेल, अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा विभाग इंदौर संभाग इंदौर डॉ. किरण बाला सलूजा, महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. प्रकाश गर्ग, डॉ. आशा अग्रवाल, डॉ. श्रद्धा मालवीय, डॉ. महेश गुप्ता एवं अन्य महाविद्यालय से प्रशिक्षण में प्राचार्य एवं लेखापला उपस्थित हुए। कार्यक्रम का संचालन प्रशासनिक अधिकारी, डॉ. डीके गुप्ता, ने किया। भंडार क्रय और वित्तीय शक्तियों की जानकारी देते हुए प्रो. आरसी दीक्षित ने शासकीय मद, रूसा मद, जनभागीदारी मद, विश्वबैंक परियोजना की मदों से प्राचार्यों की क्रय शक्तियों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के अंतिम सत्र में डॉ. डीएन पुरोहित ने बताया कि जो भी संसाधन उपयोग करने की मर्यादा है, उस मर्यादा में रहकर प्रबंधन करना ही वित्तीय प्रबंधन है। उन्होंने स्थापन, ऑडिट और केश बुक की आवश्यकता और कार्यप्रणाली पर प्रकाश डाला।