पीएम श्री कॉलेज में योग्य प्राचार्य की तलाश में उच्च शिक्षा विभाग
मौजूदा प्रोफेसरों की रुचि नहीं, इसलिए सरकार ने मंगाए है आवेदन
जिनमें कुछ अलग करने जज्बा हो
प्रक्रिया नियमित प्राचार्य के पद के लिए नहीं
जानकारी के अनुसार प्रोफेसर का रुझान कम रहने की वजह यह है कि प्रक्रिया नियमित प्राचार्य के पद के लिए नहीं है। इस पदस्थापना से ना ही प्रोफेसर का पदनाम बढ़ेगा और ना ही उनका स्केल बढ़ेगा। उनके सीआर में भी इससे ज्यादा अंतर नहीं आएगा। वहीं सीनियरिटी में भी लाभ नहीं होगा। ऐसे में प्रोफेसर्स का मानना है कि यह जिम्मेदारी लेने से सिर्फ कार्यभार बढ़ेगा। इसके अलावा प्रोफेसर्स को यह भय भी है कि ट्रांसफर होने पर उनकी जमी-जमाई व्यवस्था और कॉलेज भी बदल सकता है। पीएमश्री कॉलेज में प्रभारी प्राचार्य के पद पर रहने से प्रोफेसर्स को कोई लाभ नहीं होगा। उनके पास दो कॉलेजों के विकल्प भरने का ऑप्शन था। प्रभार मिलने पर ट्रांसफर भी हो सकता है। भविष्य में नियमित प्राचार्य की भर्ती होने पर उनको ट्रांसफर भी झेलना पड़ेगा। वहीं कुछ प्रोफेसर्स का कहना है कि उनके रिटायरमेंट में दो-तीन साल ही रह गए हैं. ऐसे में वे शिफ्टिंग और नई जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते हैं।