पीएम श्री कॉलेज में योग्य प्राचार्य की तलाश में उच्च शिक्षा विभाग

मौजूदा प्रोफेसरों की रुचि नहीं, इसलिए सरकार ने मंगाए है आवेदन

उज्जैन। पूरे प्रदेश के साथ ही उज्जैन जिले में संचालित पीएम श्री कॉलेज में भी योग्य प्राचार्य की तलाश है। बताया गया है कि इस कॉलेज में प्राचार्य बनने के लिए मौजूदा प्रोफेसरों की रुचि नहीं है लिहाजा प्रदेश के सभी कॉलेजों के लिए प्राचार्य पद के लिए सरकार ने आवेदन मंगाए है। उम्मीद है कि कॉलेजों को जल्द ही योग्य प्राचार्य मिल जाएंगे।

जिनमें कुछ अलग करने जज्बा हो

गौरतलब है कि  प्रदेश के सभी 55 जिलों में यह कॉलेज बनाए गए हैं। अब सरकार चाहती है कि इन कॉलेजों में ऐसे प्राचार्य आएं जिनमें कुछ अलग करने जज्बा हो। इसके लिए सरकार ने प्रोफेसर्स से आवेदन मंगाए हैं। लेकिन पीएमश्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में प्राचार्य बनने के लिए प्रोफेसर्स का रुझान नहीं दिख रहा है। प्राचार्य के प्रभार के लिए राज्य के अलग-अलग 562 कॉलेजों में कार्यरत महज 213 प्रोफेसरों ने ही आवेदन किए हैं। इनमें से भी फार्म भरने वाले अधिकांश प्रोफेसर अपने ही कॉलेज का प्राचार्य बनना चाहते हैं। जबकि इस प्रक्रिया के लिए शासकीय कॉलेजों के मौजूदा प्राचार्यों समेत करीब तीन हजार से अधिक प्रोफेसर पात्रता रखते हैं।

प्रक्रिया नियमित प्राचार्य के पद के लिए नहीं

जानकारी के अनुसार प्रोफेसर का रुझान कम रहने की वजह यह है कि प्रक्रिया नियमित प्राचार्य के पद के लिए नहीं है। इस पदस्थापना से ना ही प्रोफेसर का पदनाम बढ़ेगा और ना ही उनका स्केल बढ़ेगा। उनके सीआर में भी इससे ज्यादा अंतर नहीं आएगा। वहीं सीनियरिटी में भी लाभ नहीं होगा। ऐसे में प्रोफेसर्स का मानना है कि यह जिम्मेदारी लेने से सिर्फ कार्यभार बढ़ेगा। इसके अलावा प्रोफेसर्स को यह भय भी है कि ट्रांसफर होने पर उनकी जमी-जमाई व्यवस्था और कॉलेज भी बदल सकता है।  पीएमश्री कॉलेज में प्रभारी प्राचार्य के पद पर रहने से प्रोफेसर्स को कोई लाभ नहीं होगा। उनके पास दो कॉलेजों के विकल्प भरने का ऑप्शन था। प्रभार मिलने पर ट्रांसफर भी हो सकता है। भविष्य में नियमित प्राचार्य की भर्ती होने पर उनको ट्रांसफर भी झेलना पड़ेगा। वहीं कुछ प्रोफेसर्स का कहना है कि उनके रिटायरमेंट में दो-तीन साल ही रह गए हैं. ऐसे में वे शिफ्टिंग और नई जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते हैं।