18 से 20 घंटे लगातार ड्युटी से बढ़ रहा तनाव पाइंट पर तैनात प्रधान आरक्षक को पड़ा दिल का दौरा
दैनिक अवंतिका
उज्जैन। धार्मिक नगरी के साथ मुख्यमंत्री के गृहनगर में इन दिनों पुलिस तनाव में दिखाई दे रही है। 18 से 20 घंटे लगातार ड्यूटी से स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है। सोमवार को ड्यूटी पाइंट पर तैनात प्रधान आरक्षक को दिन का दौरा (हार्ट अटैक)पड़ गया। इससे पहले दो कम उम्र के पुलिसकर्मियों की हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है। कई पुलिसकर्मी अस्वस्थ होने के बाद भी ड्यूटी कर रहे है।
सोमवार को ईद मिलानुदबी का जुलूस होने पर जीवाजीगंज थाना प्रधान आरक्षक चंद्रपालसिंह 45 वर्ष सुबह 6 बजे पहुंचा था, ब्रीफिंग के बाद केडी गेट पाइंट पर ड्युटी के लिये पहुंचा था। उसी दौरान सीने में दर्द उठने पर गिर पड़ा, साथी पुलिसकर्मी निर्मल तत्काल जिला अस्पताल लेकर पहुंचा, जहां हार्ट अटैक की संभावना व्यक्त की गई। परिजन जानकारी मिलने पर अस्पताल पहुंच गये थे। प्रधान आरक्षक को निजी अस्पताल उपचार के लिये ले जाया गया, जहां सभी परीक्षण कराये गये है। शाम को हालत में सुधार होना बताया जा रहा था। विदित हो कि 10 सितंबर को खाराकुआ थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक हेमंत कुमार 35 वर्ष की हार्टअटैक से मौत हो गई थी। हेमंत कुमार मूलरूप से सागर का रहने वाला था और डेढ़ वर्ष से खाराकुआ थाने में पदस्थ होकर पुलिस लाईन क्वार्टर में निवास कर रहा था। चार दिन बाद 14 सितंबर को एसपी कार्यालय में पद आरक्षक गौरव पांडे का दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई थी। जिले के थानों पर पदस्थ कई पुलिसकर्मी अस्वस्थ्य चल रहे है, जिसमें कुछ तो अवकाश पर है।
22 जुलाई से लगातार कर रहे ड्युटी
वैसे तो शहर की पुलिस पर ड्युटी का दबाव महाकाल लोक का लोकार्पण होने के बाद से ही बढ़ गया था। लेकिन 22 जुलाई को श्रावण मास की शुरूआत होने और लगातार वीआईपी आगमन के चलते पुलिस की लम्बी ड्युटी शुरू हो गई थी। मुख्यमंत्री का गृहनगर होने पर जिम्मेदारी बढ़ते ही पुलिसकर्मियों को 18 से 20 घंटे ड्युटी करना पड़ रही है। गणेश उत्सव की शुरूआत होने पर पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था में लगातार तैनात रहना पड़ रहा है। दबी जुबान पुलिसकर्मियों का कहना है कि उन्हे थाने में ही रात गुजारना पड़ रही है। खाना भी समय पर नहीं खा पा रहे है। परिवार से ही दूरी बनने लगी है।
साप्ताहिक अवकाश नहीं, छुट्टियां भी खत्म
कई पुलिसकर्मियों ने बताया कि पहले ही उन्हे शासकीय अवकाश नहीं मिल पाता है। अब तो छुट्टियां भी खत्म कर दी गई है। 12 घंटे की ड्युटी तो कर रहे थे, अब हालात ऐसे बनने लगे है कि 2-2 दिन तक घर भी नहीं जा पा रहे है। यहीं वजह है कि तनाव बढ़ने लगा है जिसका स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है। त्यौहार खत्म होने के बाद लम्बित मामलों को लेकर दबाव बढ़ने लगेगा। उनके पास अपराधों की डायरी पेंडिग होती जा रही है।