अनंत चतुदर्शी का आज रात निकलेगा चल समारोह “अगले बरस जल्दी आ” की कामान के साथ भगवान गणेश को विदाई
दैनिक अवन्तिका ब्रह्मास्त्र बुलेटिन …
उज्जैन। 10 दिनों तक भक्तों के बीच रहे भगवान गणेश आज अपने धाम पर जा रहे है। सुबह से ही “अगले बरस जल्दी आ” की कामना के साथ बप्पा की विदाई सिलसिला शुरू हो गया है। शाम को भव्य चल समारोह निकाला जायेगा। जिसमें झिलमिलाती झांकियों का कारवां शामिल होगा।7 सितंबर को भगवान गणेश की 10 दिवसीय आराधना का सिलसिला शुरू हुआ था। जहां घर-घर भगवान को विराजित किया गया था, वहीं 500 से अधिक सार्वजनिक स्थानों पर पांडालों में भव्य गणेश प्रतिमा की स्थापना की गई थी। 10 दिनों तक धार्मिक नगरी आराधाना में लगी हुई थी। शाम ढलते ही शहरवासी भव्य और आकर्षक प्रतिमाओं के दर्शन करने पहुंच रहे थे। अब बप्पा के अपने धाम जाने का समय शुरू हो गया है। सुबह से भक्त भगवान गणेश को बैंड बाजे और ढोल के साथ धाम छोड़ने के लिये जा रहे है। पूरे शहर में गणपति बप्पा मोरिया की गूंज सुनाई दे रही है। दो पहिया वाहनों के साथ चार पहिया वाहनों में भगवान गणेश की प्रतिमा क्षिप्रा नदी के साथ जलाशयों की ओर बढ़ती दिखाई दे रही है। यह सिलसिला दो दिनों तक जारी रहेगा।
हीरामिल की चाल कुंड पर सुरक्षा के इंतजाम
नगर निगम की ओर से हीरामिल की चाल स्थित कुंड में गणेश प्रतिमा विसर्जन की व्यवस्था की है। सुबह से यहां श्रद्धालुओं का गणेश प्रतिमा लेकर आने का क्रम शुरू हो चुका है। बप्पा को विदाई देने से पहले पूजा अर्चना की जा रही थी। नगर निगम ने प्रतिमा विर्सजन के लिये वाहन की व्यवस्था की है। जिसमें प्रतिमाओं को एकत्रित कर कालियादेह महल विसर्जन के लिये ले जाया जायेगा। बप्पा की विदाई में किसी प्रकार का खलल ना पड़े इसको लेकर पुलिस बल की तैनाती की गई है।
शाम को निकलेगा झांकियों का कारवां
सुबह से शुरू हुई बप्पा की विदाई का भव्य चल समारोह आज रात 10 बजे चामुंडा माता चौराहा से शुरू होगा। जिसमें झिलमिलाती झांकियों का कारवां शामिल होगा। इस बार नगर निगम ने 2 झांकियों का निर्माण किया है। जिसमें शेषनाग पर भगवान कृष्ण की झांकी के साथ राम-लक्ष्मण द्वारा दानव मारीज और सुबाहू का वध चित्रण होगा। पीएचई विभाग की झांकी में समुद्र मंथन के लिये देवता और असुरदानव का चित्रण और दूसरी झांकी में कैलाश पर्वत पर शिव-पार्वती नृत्य के साथ भगवान गणेश और कार्तिकेय को प्रसन्न मुद्रा में दिखा जायेगा। चल समारोह देर रात तक शहर के मार्गो से होता हुआ क्षिप्रा नदी पहुंचेगा।