जनता की सुरक्षा और सुविधा का पूरा ध्यान
झांकियों की परंपरा
झांकियों की परंपरा 1923 में सेठ हुकमचंद द्वारा हुकुमचंद मिल से शुरू की गई थी। जनता को सामाजिक मुद्दों पर जागृत करने और धर्म, संस्कृति और परंपरा से जुड़े संदेश पहुंचाने के लिए झांकियां निकाली गई। जब देश गुलाम था तब झांकियों में आजादी के संदेश दिए जाते थे। अब झांकियों में आज के परिदृश्य के हिसाब से भी संदेश दिए जा रहे हैं। इस बार हुकुमचंद मिल की 101 वीं झांकी है। इस बार अलग अलग मिलों और संस्थाओं के द्वारा 25 से अधिक झांकियां निकाली जाएंगी। इसमें खजराना गणेश मंदिर, आईडीए, नगर निगम की झांकी भी शामिल है।
प्रमुख झांकियां
झांकियों की वजह से कई प्रमुख मार्ग बंद रहेंगे
अनंत चतुर्दशी चल समारोह मंगलवार शाम 6 बजे शुरू होगा। जैसे ही झांकी निकलना शुरू होंगी, पूरे झांकी मार्ग पर वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित कर देंगे। डीसीपी ट्रैफिक अरविंद तिवारी ने बताया कि डीआरपी लाइन से चल समारोह शाम 6 बजे शुरू होगा। यह चिकमंगलूर चौराहा से जेल रोड चौराहा, एमजी रोड चौराहा, मृगनयनी, फ्रूट मार्केट, नंदलालपुरा, जवाहर मार्ग, नृसिंह बाजार, क्लॉथ मार्केट, खजूरी बाजार से राजबाड़ा और वहां से नगर निगम होते हुए झांकियां फिर अपने-अपने स्थानों पर जाएंगी।