हे गणपति बप्पा….अगले बरस फिर पधारजो…सुख समृद्धि का आशीष दो

 

गाजे बाजे के साथ लाए थे…गाजे बाजे के साथ ही किया विसर्जन
उज्जैन। आज अनंत चतुर्दशी है और इस अवसर पर जहां अनंतपेठ स्थित भगवान अनंत नारायण मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है तो वहीं गणपति बप्पा का भी विसर्जन करने का सिलसिला शुरू हो गया है। रात को झिलमिलाती झांकियों
का कारवां भी निकलेगा।
दस दिनों तक भगवान गणेश की पूजा अर्चना हुई तो वहीं विभिन्न सांस्कृतिक व सामाजिक मंडलों ने विभिन्न सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजन संपन्न किए। आज दस दिवसीय गणेशोत्सव का समापन हो गया है। श्रद्धालुओं ने जिस तरह से गाजे बाजे के साथ गणपति बप्पा को लाकर विराजमान किया था वैसे ही विदाई भी देकर सुख समृद्धि का आशीर्वाद श्रद्धालुओं द्वारा मांगा गया।
 भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है
अनंत चतुर्दशी को अनंत चौदस भी कहा जाता हैं। श्रद्धालु भगवान श्रीहरि के अनंत रूप की पूजा-अर्चना कर व्रत रखेंगे। श्रद्धालु भगवान विष्णु के पूजन के दौरान चौदह ग्रंथि का सूत्र उनके सामने रखकर उसकी पूजा करेंगे। पूजा के बाद इस चौदह ग्रंथ अनंत सूत्र को पुरुष अपने दाहिने हाथ के बांह पर बांधते हैं। वहीं महिलाओं को बाएं हाथ के बांह पर यह सूत्र बांधा जाता है। इस अनंत सूत्र को धारण करने से व्यक्ति पर भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है। साथ ही उन्हें सुख-समृद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि इस व्रत से 14 वर्षों तक अनंत फल की प्राप्ति होती है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक महाभारत काल में पांडवों ने अनंत चतुर्दशी का व्रत रखकर ही अपना खोया हुआ राज पाठ प्राप्त किया था।

अनंत नारायण मंदिर
अनंतपेठ स्थित अनंत नारायण मंदिर 300 वर्ष से अधिक पुराना है। यहां अधिक मास के अलावा हरियाली अमावस्या तथा अनंत चतुर्दशी पर पूजा का विशेष महत्व है। इनकी पूजा करने से अनंत सुख मिलता है।