लक्ष्य से आधे टारगेट पर भी नहीं पहुंच सके सांसद और विधायक, सवाल यह उठ रहा है बीजेपी पूरे प्रदेश में डेढ़ करोड सदस्य कैसे बनाएगी
पूरा नहीं कर सके है। बता दें कि सांसद को 25 हजार और विधायक को 15 हजार सदस्य बनाने का लक्ष्य मप्र में भाजपा ने डेढ़ करोड़ नए सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को पाने के लिए भाजपा ने 2 सितंबर से बड़े जोर-शोर से सदस्यता अभियान शुरू किया। सवाल उठने लगे हैं कि मप्र में भाजपा डेढ़ करोड़ सदस्य बनाने का टारगेट कैसे पूरा कर पाएगी? जानकारी के अनुसार भाजपा द्वारा शुरू किए गए सदस्यता अभियान ने लोकसभा, राज्यसभा सांसद और विधायकों की टेंशन बढ़ा दी है। पार्टी ने सांसद को 25 हजार और विधायक को 15 हजार सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया गया है। लेकिन, अब तक कोई भी सांसद और विधायक अपने लक्ष्य के आधे टारगेट तक भी नहीं पहुंच सके हैं। चूंकि सदस्यता अभियान का पहला चरण 25 सितंबर को पूरा हो रहा है और इस दिन तक मप्र में डेढ़ करोड़ सदस्य बनाए जाने हैं। प्रदेश में अब तक महज 27 लाख ही सदस्य बन सके हैं। ऐसे में अब दस दिन के अंदर एक करोड़ 13 लाख सदस्य बनाने हैं। यानि की हर दिन करीब 11 लाख लोगों को सदस्यता करानी होगी। प्रदेश में यह अभियान तीन सितम्बर को शुरू हुआ था। जिसके बाद पार्टी के विधायक, महापौर, जिला अध्यक्ष को सदस्यता को लेकर लक्ष्य भी दिया गया था।
तकनीकी पेंच यह है कि——
सांसद और विधायक को अपना लक्ष्य पूरा करने में परेशानी इसलिए आ रही है कि पार्टी ने उनके अलावा प्रत्येक महापौर और जिला पंचायत अध्यक्ष को 15 हजार, नगर पालिका अध्यक्ष को 10 हजार, जिला पंचायत सदस्य, नगर पंचायत अध्यक्ष और जनपद अध्यक्ष को 5 हजार, जनपद सदस्य को 1 हजार, पार्षद को अपनी वोट संख्या के 40 फीसदी सदस्य बनाना है। जबकि प्रत्येक पार्टी पदाधिकारी को कम से कम 200 व सक्रिय कार्यकर्ता को 100 सदस्य बनाना अनिवार्य है। अभियान शुरू होने के बाद कार्यकर्ताओं ने पहले अपना लक्ष्य पूरा करना शुरू कर दिया। तकनीकी पेंच यह है कि यदि एक बार कोई किसी के रेफरल कोड से सदस्य बन गया तो फिर जितने भी सदस्य बनाएगा, तो वह अपने नाम से सदस्य नहीं बना सकता। या तो उसे नया नंबर लेकर सदस्य बनाना होंगे या फिर सभी सदस्य रेफरल कोड वाले के खाते में जुड़ते जाएंगे। इसलिए अब प्रदेश के सभी 29 लोकसभा सांसद, 8 राज्यसभा सदस्य और 163 विधायक इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए चुनाव की तरह कैंपेन चला रहे हैं। कोई बड़े परिवारों के बीच चाय पीने जा रहा है और चाय के बहाने पूरे परिवार को सदस्य बनाकर आ रहा है। तो किसी ने अपने नाम के होर्डिंग पूरे क्षेत्र में लगवा दिए हैं और लिख दिया कि उनके ही रेफरल कोड से सदस्य बने हैं। वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो हाट बाजार में जा रहे हैं और सदस्य बना रहे हैं।