स्वर्णगिरी पर्वत परिक्रमा में शामिल हुए जयपुर किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर
महिदपुर। देवझूलनी एकादशी के पर्व पर स्वर्णगिरी पर्वत की परिक्रमा नारायणा धाम के निकट स्थित गांव चिरमिया से शुरू हुई जो वीर हनुमान मंदिर ग्राम आक्याधांगा श्री राम बालाजी धाम महू, नारायणा धाम होते हुए पुन: स्वर्णगिरी धाम ग्राम चिरमिया पहुंची जहां भगवान श्री कृष्ण को पालने में बिठाकर उन्हें झूला झुलाया गया। परिक्रमा प्रात: 10:00 बजे शुरू हुई जिसमे जयपुर किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 श्री पुष्पानंदगिरी जी महाराज पुष्पामाई भी सम्मिलित हुए। अभिषेक के पश्चात परिक्रमा शुरू हुई जिसमें महामंडलेश्वर पुष्पामाई भगवान बालकृष्ण को अपनी गोद में उठाकर परिक्रमा में शामिल होकर चल रहे थे और उनके साथ सैकड़ो श्रद्धालुजन साथ थे परिक्रमा में पधारे संतों एवं श्रद्धालुओं का मार्ग में जगह जगह ग्रामवासियों द्वारा भव्य स्वागत किया। ज्ञात हो कि स्वर्णगिरी पर्वत से अपनी शिक्षाकाल के दौरान संदिपनी आश्रम से यहॉ आकर भगवान श्री कृष्ण और सुदामाजी ने लकड़िया चुनी थी ग्राम चिरमिया में इसका मुखारविंद है यात्रा प्रत्येक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को यहां से शुरू होती है इस बार देव झुलनी एकादशी होने के कारण यह विशेष रहा इस अवसर पर किन्नर अखाडे के महामंडलेश्वर श्री कृष्ण की सखी के रूप में उन्हें अपनी गोदी में उठाकर परिक्रमा में चल रहे थे। यह अवसर वर्ष में सिर्फ एक बार आता है जब भगवान श्री कृष्ण को बाल स्वरूप में परिक्रमा क्षेत्र के ग्रामों में भ्रमण कराया जाता है।