वन नेशन, वन इलेक्शन पर सियासी घमासान

भोपाल। केंद्र की मोदी सरकार ने ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में बनाई गई की रिपोर्ट को केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। अब शीतकालीन सत्र में विधेयक लाया जाएगा। वहीं इसे लेकर नेताओं का प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है।
मोहन के मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री और भारत सरकार के कैबिनेट का अभिनंदन करता हूं, उन्होंने वन नेशनल वन इलेक्शन और सहमति दी है। लगातार चुनाव के कारण धन का उपयोग होता है, समय की बर्बादी होती है और विकास रुकता है। स्थिति से निजात पाने के लिए बीजेपी और उनकी सरकार है सदैविक मत रहा है। चुनाव एक बार ही होना चाहिए, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का भी धन्यवाद करता हूं। पटेल ने कहा कि विधान मंडलों के चुनाव अलग-अलग मंडलों में होते रहे, उसका भी एक रास्ता निकालने की बात पहले से ही केंद्र सरकार ने कही है। तमाम विपरीत परिस्थितियों का आकलन किया था, जिसमें वह एड्रेस करना चाहते हैं गोविंद जी की रिपोर्ट इन सभी प्रश्नों का उत्तर हैं। जो दल विरोध कर रहे हैं वह स्वयं के हितों की चिंता ना करें। इस विषय को लेकर सभी को साथ होना चाहिए। अधिकतम 2 चरणों में चुनाव की पूरी प्रक्रिया हो सकती है। प्रदेश कांग्रेस प्रमुख जीतू पटवारी ने कहा कि भाजपा और उनकी विचारधारा कभी भी लोकतांत्रिकता को नहीं अपनाती है, कारण है कि उनकी ही संस्थान में कभी चुनाव नहीं होते हैं। वन नेशन वन इलेक्शन पर हमारी पार्टी का जो वक्तव्य होगा वहीं हमारा भी वक्तव्य होगा।