कर्बला मैदान पर नगर निगम ने लगाया मालिकी हक का बोर्ड
इंदौर। इंदौर के कर्बला मैदान पर आखिरकार नगर निगम प्रशासन ने अपने मालिकी हक का बोर्ड लगा दिया है। बता दें कि कुछ दिन पहले ही करोडो की इस जमीन का कब्जा न्यायालय ने नगर निगम को सौंपा था।
इंदौर के मध्य क्षेत्र स्थित करोड़ों रुपए की कर्बला मैदान की जमीन का स्वामित्व कुछ दिन पहले न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए नगर निगम को सौंपा है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव, एमआईसी सदस्य और निगम अधिकारियों के साथ कर्बला मैदान पहुंचे। जहां पर उन्होंने पूरे क्षेत्र का निरीक्षण किया। इस दौरान नगर निगम के मालिकी हक का बोर्ड भी लगा दिया गया।
निरीक्षण के दौरान मेयर ने नगर निगम की योजनाओं को लेकर चर्चा की। साथ ही उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड में जमीन दर्ज होने के बावजूद न्यायालय ने इसका स्वामी नगर निगम को मना है और यह फैसला न्यायालय का एक ऐतिहासिक फैसला है। साथ ही महापौर ने कहा कि नगर निगम समय-समय पर इस स्थान का अलग-अलग उद्देश्य से उपयोग करता आया है और उसी की तरह आगे भी यह योजना है कि स्थान का उपयोग शहर की प्रगति के उद्देश्य से हो। भार्गव ने बताया कि इसके लेकर अधिकारियों से चर्चा की जाएगी और एक योजना बनाई जाएगी कि इस स्थान का उपयोग किस तरीके से किया जाना चाहिए। वहीं वक्फ की जमीनों को लेकर बन रहे नए कानून के संबंध में महापौर ने कहा कि नए कानून को लेकर ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी यानी जेपीसी ने अलग-अलग स्तर पर सुझाव मांगे हैं। जिन्हें उस कानून में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इंदौर का जो फैसला आया है, उसको भी जेपीसी के द्वारा इस्तेमाल किया जाना चाहिए, क्योंकि वक्फ की दस्तावेजों में रजिस्टर्ड होने के बावजूद भी इसका स्वामी नगर निगम को मना है, तो उससे आसानी होगी कि वक्फ बोर्ड में पंजीकृत होने वाली जमीनों के पैरामीटर क्या होने चाहिए।
निरीक्षण के दौरान मेयर ने नगर निगम की योजनाओं को लेकर चर्चा की। साथ ही उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड में जमीन दर्ज होने के बावजूद न्यायालय ने इसका स्वामी नगर निगम को मना है और यह फैसला न्यायालय का एक ऐतिहासिक फैसला है। साथ ही महापौर ने कहा कि नगर निगम समय-समय पर इस स्थान का अलग-अलग उद्देश्य से उपयोग करता आया है और उसी की तरह आगे भी यह योजना है कि स्थान का उपयोग शहर की प्रगति के उद्देश्य से हो। भार्गव ने बताया कि इसके लेकर अधिकारियों से चर्चा की जाएगी और एक योजना बनाई जाएगी कि इस स्थान का उपयोग किस तरीके से किया जाना चाहिए। वहीं वक्फ की जमीनों को लेकर बन रहे नए कानून के संबंध में महापौर ने कहा कि नए कानून को लेकर ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी यानी जेपीसी ने अलग-अलग स्तर पर सुझाव मांगे हैं। जिन्हें उस कानून में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इंदौर का जो फैसला आया है, उसको भी जेपीसी के द्वारा इस्तेमाल किया जाना चाहिए, क्योंकि वक्फ की दस्तावेजों में रजिस्टर्ड होने के बावजूद भी इसका स्वामी नगर निगम को मना है, तो उससे आसानी होगी कि वक्फ बोर्ड में पंजीकृत होने वाली जमीनों के पैरामीटर क्या होने चाहिए।