70% कामकाजी पेशेवर अपनी जॉब से नाखुश

इंदौर। एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारत में 70% कामकाजी पेशेवर अपनी जॉब से नाखुश है। यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जब एक शीर्ष फर्म की 26 साल की कर्मचारी की मौत हो गई। उसकी मां ने आरोप लगाया कि वर्कलोड के कारण उसकी प्रतिभाशाली बेटी की असामयिक मृत्यु हो गई।
हैप्पीएस्ट प्लेस टू वर्क द्वारा हैप्पीनेस रिसर्च अकादमी के सहयोग से किए गए इस स्टडी में दुखद तस्वीर पेश की गई है। रिपोर्ट में गंभीर परिदृश्य को उजागर किया गया है, क्योंकि बड़ी संख्या में कर्मचारियों का कहना है कि वे अपनी जॉब छोड़ने के बारे में सोच रहे हैं। हैप्पीएस्ट प्लेस टू वर्क-भारत का कार्यबल कितना खुश है। शीर्षक वाली रिपोर्ट ने पूरे देश में ऑफिस पर संतुष्टि के बारे में चौंकाने वाले रुझान प्रकट किए गए हैं। 18 उद्योग क्षेत्रों के दो हजार कर्मचारियों के सर्वेक्षण के आधार पर निष्कर्ष खुशी के स्तर में असमानताएं दिखाते हैं, विशेष रूप से मिलेनियल्स के बीच जो जॉब की संतुष्टि के साथ संघर्ष करते दिखते हैं।
सर्वक्षेण में शामिल सभी कर्मचारियों में से 54% अपनी जॉब छोड़ने पर विचार कर रहे हैं। रिपोर्ट बताती है कि अधिक सहायक वातावरण, जहां कर्मचारी व्यक्तिगत हितों को आगे बढ़ा सकते हैं, नाटकीय रूप से टर्नओवर को कम करता है। ऐसे अवसर वाले कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने पर विचार करने की संभावना 60% कम पाई गई। रिपोर्ट में फिनटेक सेक्टर को सबसे खुशहाल इंडस्ट्री बताई गई है, जबकि रियल एस्टेट सेक्टर को सबसे कम खुशहाल बताया गया है। लिंग और भूगोल इस बात में भूमिका निभाते हैं कि कर्मचारी कितने संतुष्ट महसूस करते हैं।