गुरूदेव आश्रम परिसर के मकान में हुई घटना दरवाजा तोड़ा तो झुलसी हालत में पड़ी थी युवक की लाश

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दैनिक अवन्तिका ब्रह्मास्त्र बुलेटिन
उज्जैन। जय गुरूदेव आश्रम परिसर के मकान में गुरूवार को भयावह घटना घटित होना सामने आई। अंदर से बंद मकान का दरवाजा तोड़ा गया वहां रहने वाले युवक की जली हुई लाश पड़ी थी। मामला आत्मदाह का होना सामने आया है। मृतक युवक की मां घटना के बाद से ही बदहवास है।
पंवासा थाना एसएचओ रविन्द्र कटारे ने बताया कि जय गुरूदेव आश्रम परिसर में एक मकान बना हुआ है। दोपहर में आश्रम के भंडारे से मकान में रहने वाली सीताबाई शेखावत घर लौटी तो दरवाजा अंदर से बंद था। काफी खटखटाने पर नहीं खुला तो आश्रम के लोगों को बुलाया गया। दरवाजा तोड़ा गया, अंदर से गैस की गंध आने लगी। देखने पर रसोईघर में सीताबाई के पुत्र दीपक पिता बाबूलसिंह शेखावत 40 वर्ष की शत-प्रतिशत झुलसी हुई लाश पड़ी थी। पुत्र का जला शव देख सीताबाई बदहवास हो गई। आश्रम के लोगों ने मामले की सूचना पुलिस को दी। जांच के लिये एफएसएल टीम को बुलाया गया। प्रारंभिक तौर पर मामला आत्मदाह का सामने आ रहा है। मकान में दोनों मां-बेटे रहते थे, लेकिन मां के बदहवास होने और बता पाने की स्थिति में नहीं होने से कुछ भी सामने नहीं आ पाया है। थाना एसएचओ के अनुसार मर्ग कायम किया गया है। शव का जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया है। जांच के बाद ही घटना का सच सामने आ पायेगा।
गैस की निकली थी नली, जला पडा था सामान
घटना के बारे में पंवासा थाना एसआई एमएस अलावा ने बताया कि जांच के दौरान सिलेंडर से गैस की नली निकली होना सामने आई है। रसोईघर में रखा फ्रीज और सामान जला हुआ था। बर्तन बिखरे पड़े थे। जिस तरह से घटनास्थल होना सामने आया है, वह युवक के आत्मदाह की ओर इशारा कर रहा है। उसने ऐसा भयावह कदम क्यों उठाया इसके संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है। मृतक मजदूरी के साथ् आश्रम में भी सेवा करता था। आश्रम के भंडारे में ही मां-बेटे भोजन करते थे।
परिवार की जमीन पर बना है आश्रम
एसआई अलावा ने बताया कि आश्रम परिसर में बना मकान मृतक की मां सीताबाई का होना सामने आया है। मकान में सालों से दोनों मां-बेटे निवास कर रहे थे। उन्होने आश्रम को जमीन बेची थी, लेकिन अपने मकान का सौदा नहीं किया था। जिसके चलते मकान आश्रम परिसर में ही बना हुआ है। मृतक के पिता के बारे में भी जानकारी परिजनों और बदहवास मां से चर्चा के बाद सामने आ पायेगी।

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