नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दैनिक अवंतिका के मुद्दे का पक्षधरा बोले-वैसे यहां आवश्यकता 8 लेन की है -इंदौर –उज्जैन मार्ग 6 लेन का भूमिपूजन हुआ, अब जल्द ही निर्माण की शुरूआत
दैनिक अवंतिका उज्जैन।
उज्जैन। इंदौर-उज्जैन 4 लेन मार्ग को 6 लेन में परिवर्तन करने के लिए गुरूवार को राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू ने भूमिपूजन किया है। योजना को मंत्रीमंडल से स्वीकृति मिलने के बाद इसका ठेका भी दे दिया गया है। विजन-2040 के तहत इस मार्ग पर 8 लेन की आवश्यकता सामने आ रही हैं इसी बात को प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बोलते हुए दैनिक अवंतिका के मुद्दे की पक्षधरता की है।गुरूवार को नगरीय प्रशासन मंत्री ने भूमिपूजन कार्यक्रम के उपरांत प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि 6 लेन इंदौर –उज्जैन के लिए बहुत जरूरी था। मेरा सौभाग्य है कि 4 लेन भी में जब मिनिस्टर था तब भी मैंने बनाया था 6 लेन में भी मैं प्रत्यक्षदर्शी हुं। वैसे यहां आवश्यकता 8 लेन की थी। हमने एक पेरेलल ग्रीन फिल्ड रोड बना रहे हैं, इंदौर –उज्जैन के बीच । इंदौर-उज्जैन के लिए बहुत बडी सौगात है। विशेषकर सिंहस्थ को ध्यान में रखते हुए पूरे उज्जैन के आस-पास के जितने भी शहर हैं राजस्थान को मध्यप्रदेश से जोडने के लिए सभी सडकें बनाई जा रही है।अब होगा गति से निर्माण, 2027 तक बनेगा-इंदौर –उज्जैन 6 लेन मार्ग का निर्माण अब गति से होना तय है। अगले 3 वर्ष में इसका निर्माण किया जाना है। कंपनी इसे 2027 में पुरा कर रोड को चालू करेगी।8 लेन से ये होता फायदा-विजन-2040 के तहत इंदौर –उज्जैन मार्ग का निर्माण करने से मध्यप्रदेश सरकार को बहुत अधिक लाभ की संभावनाएं सामने दिखाई देती हैं। इस अवधि के बीच 2028 एवं 2040 का सिंहस्थ भी आना है। हालिया स्थिति में मार्ग का आवागमन देखते हुए 6 लेन को स्वीकृति दी गई है। भविष्य के सिंहस्थ 2040 के लिए इस पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया है। योजना में वर्तमान 6 लेन निर्माण में भूमि अधिग्रहण भी नहीं किया जाना है। इसके चलते अधिग्रहण को लेकर भी पैसा बचना है। वैसे यह बचत हालिया है जो कि इस मार्ग के 8 लेन में परिवर्तन के समय बचत से कई गूना अधिक खर्च आने को लेकर जानकार बता रहे हैं। सडक निर्माण के जानकार एवं विशेषज्ञों के साथ ही ठेकेदारों का कहना है कि वर्तमान में अधिग्रहण पर काफी कम राशि सरकार को लगाना पडती और यह राशि 2040 की अवधि तक बहुत जल्दी रिकवर हो जाती। इससे परे बाद में इसे 8 लेन बनाने में भूमि अधिग्रहण पर एक बहुत बडी राशि खर्च करना होगी। वर्तमान की गाईड लाईन के मान से यह राशि ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत कम है। गाईड लाईन प्रति वर्ष 20 फीसदी बढना है। ऐसे में आगामी वर्षों में भूमि अधिग्रहण वैसे ही महंगा हो जाएगा। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण को लेकर मांग उठी हुई है कि उन्हें बाजार मुल्य से अधिग्रहण की राशि दी जाए तो ऐसे में तो तत्कालीन स्थितियों में 8 लेन बनाने पर वर्तमान से करीब 4 गूना राशि अधिग्रहण पर ही व्यय की स्थिति बन पडेगी।रोड इंदौर डिविजन के तहत-इंदौर – उज्जैन का यह मार्ग मध्यप्रदेश सडक विकास निगम के इंदौर झोन अंतर्गत आता है। इसके पीछे कारण यह है कि रोड में इंदौर जिले का हिस्सा ज्यादा है और उज्जैन जिले का हिस्सा कम है। ऐसे में इस मार्ग को लेकर सभी निर्णय सडक विकास निगम के इंदौर महाप्रबंधक कार्यालय में लिए जाते हैं। यहां तक की रोड के अपग्रेडेशन को लेकर अनुबंध भी वहीं से संबंधित मसला है।8 साल बाद भूमि अधिगृहण होगा बहुत महंगा-हाल ही में 4 लेन मार्ग के 2 लेन अपडेशन के लिए भूमि अधिगृहण को लेकर बडी राशि रखी गई है। वर्तमान डीपीआर को आधार मानकर ही अगर आगामी 8 साल बाद इसके 6 लेन से 8 लेन अपडेशन के लिए भूमि अधिगृहण की राशि पर विचार किया जाए तो वह वर्तमान भूमि अधिग्रहण, सड़क सुरक्षा उपाय और जंक्शन सुधार राशि से तीन गूना से अधिक होना तय है। जबकि वर्तमान में सडक विकास निगम के पास पूर्व से अधिगृहित दोनों और 22.5 मीटर यानिकी कुल 45 मीटर भूमि है। ऐसे में अंडर पास एवं जंक्शन सुधार के लिए ही भूमि अधिगृहण किया जाना है जो कि शासन की गाईड लाईन से दो गूना दिया जाएगा। सिंहस्थ 2040 के लिए जब 2036 में अधिगृहण की कार्रवाई की जाएगी तो वर्तमान की डीपीआर की कुल राशि से अधिक का भूमि अधिगृहण ही हो जाएगा।विकल्प मार्ग भी फोरलेन की तैयारी-वर्तमान में उज्जैन –इंदौर-उज्जैन के लिए मुख्य मार्ग इंदौर से सीधे उज्जैन है। इसके अलावा तपोभूमि से शिप्रा होकर इंदौर ,उज्जैन से देवास होकर इंदौर,चिंतामन गणेश से हातोद होकर, इंदौर,बदनावर से इंदौर सहित इंगोरिया से देपालपुर होकर इंदौर के मार्ग भी हैं। इनमें से चिंतामन, हासामपुरा मार्ग को अपडेशन करते हुए 4 लेन बनाने की योजना बन गई है। इस मार्ग पर 4 लेन पेवर्ड शोल्डर प्रस्तावित है। इसके साथ ही कुछ मार्गों को अपडेशन करने की योजना तैयार है लेकिन पूर्व के सिंहस्थ का अनुभव सामने रहा है कि इंदौर –उज्जैन मार्ग मुख्य होने से इसी पर सिंहस्थ 2028 में सर्वाधिक दबाव की स्थिति रहना तय है।सिंहस्थ में वन-वे करना पडा था-गौरतलब है कि वर्तमान 4 लेन मार्ग को सिंहस्थ 2016 में ही कुछ पर्व स्नान के समय सिर्फ जाने के लिए ही नियत करना पडा था आने के लिए देवास-बदनावर मार्ग का उपयोग किया गया था। इस तरह से वन-वे से काम लिया गया था।इस बार पेड कटे तो छायादार पौधे रोपण हों झाडियां नहीं-इंदौर –उजजैन 4 लेन निर्माण के समय मध्यप्रदेश सडक विकास निगम के ठेकेदार ने एक हजार से अधिक पेडों को काटा था। निगम के साथ ठेकेदार के अनुबंध में उसके एवज में 10 गूना पौधारोपण किया जाना था। इसके चलते ठेका कंपनी ने 4 लेन डिवाईडर में झाडियों को लगाकर इतिश्री कर ली थी। काटे गए पेडों के एवज में छायादार पौधों का रोपण नहीं किया गया था। वर्तमान में सडक विकास निगम के पास पूर्व की अधिग्रहित भूमि के तहत सैंकडों वृक्ष 6 लेन के दायरे में आएंगे। ऐसे में पेडों के काटने पर उनके स्थान पर छायादार पौधों का ही रोपण किया जाए या फिर पेडों को अन्यत्र स्थापित किया जाना चाहिए।