स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारियां…दावा किया- इंदौर फिर बनेगा नंबर वन
इंदौर। शहर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने यह दावा किया है कि स्वच्छता के मामले में इंदौर एक बार फिर नंबर वन बनेगा। महापौर ने यह भी कहा है कि इंदौर स्वच्छता के मामले में देश में नंबर वन है और मिसाल बना हुआ है।
इंदौर ने आठवीं बार फिर स्वच्छता रैंकिंग में पहला स्थान बरकरार रखने की तैयारी की है,लेकिन इस बार इंदौर को सूरत शहर से कड़ी टक्कर मिल रही है। डेढ़ माह के भीतर देशभर के पांच हजार से ज्यादा शहरों मेंं स्वच्छता सर्वेक्षण शुरू हो सकता है। इसमें इंदौर और सूरत भी शामिल है।
इंदौर ने इस बार सफाई की दिशा में कोई स्वच्छता पाने के लिए बड़ा प्रोजेक्ट को नहीं लाया,लेकिन डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के लिए नए वाहन खरीदे है। इंदौर की सफाई व्यवस्था की सबसे बड़ी ताकत भी डोर टू डोर कचरा कलेक्शन और सेग्रीगेशन हैै। पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि स्वच्छता के मामले में इंदौर देशभर में मिसाल हैै। इसकी मशाल इंदौर वासियों नेे थाम रखी है। स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारी पूरी है। आठवीं बार भी इंदौर सफाई मेें नंबर वन रहेगा। उन्होंने स्वीकारा कि दूसरे शहर भी सफाई में बेहतर काम कर रहे है। कम प्रदूषण वाले शहरों मेें पिछले साल इंदौर पहले स्थान पर था, लेकिन इस बार सूरत ने बाजी मारी हैै। इंदौर सातवें स्थान पर पहुंच गया है। इसे लेकर मेयर ने कहा कि डाक्यूमेंट सबमिशन में त्रुटियां रही गई थी। इस कारण इंदौर का सातवां नंबर रहा। स्वच्छता केे अलग-अलग मापदंडों को तय किया गया है। सर्वेक्षण में शामिल शहरों का 40 से ज्यादा मापदंडों पर आकलन होगा। सफाई सिस्टम के अलावा शहरवासियों का फीडबैक, उसकी शिकायतों का निपटान, स्वच्छता में नवाचार, कचरे का पुर्नउपयोग, कचरे का निपटान, जल संरचना, तालाबों की सफाई, पब्लिक टॉयलेट सहित अन्य बिन्दु पर टीम सर्वेक्षण करती है और उसके आधार पर नंबर देती है।
इंदौर ने इस बार सफाई की दिशा में कोई स्वच्छता पाने के लिए बड़ा प्रोजेक्ट को नहीं लाया,लेकिन डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के लिए नए वाहन खरीदे है। इंदौर की सफाई व्यवस्था की सबसे बड़ी ताकत भी डोर टू डोर कचरा कलेक्शन और सेग्रीगेशन हैै। पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि स्वच्छता के मामले में इंदौर देशभर में मिसाल हैै। इसकी मशाल इंदौर वासियों नेे थाम रखी है। स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारी पूरी है। आठवीं बार भी इंदौर सफाई मेें नंबर वन रहेगा। उन्होंने स्वीकारा कि दूसरे शहर भी सफाई में बेहतर काम कर रहे है। कम प्रदूषण वाले शहरों मेें पिछले साल इंदौर पहले स्थान पर था, लेकिन इस बार सूरत ने बाजी मारी हैै। इंदौर सातवें स्थान पर पहुंच गया है। इसे लेकर मेयर ने कहा कि डाक्यूमेंट सबमिशन में त्रुटियां रही गई थी। इस कारण इंदौर का सातवां नंबर रहा। स्वच्छता केे अलग-अलग मापदंडों को तय किया गया है। सर्वेक्षण में शामिल शहरों का 40 से ज्यादा मापदंडों पर आकलन होगा। सफाई सिस्टम के अलावा शहरवासियों का फीडबैक, उसकी शिकायतों का निपटान, स्वच्छता में नवाचार, कचरे का पुर्नउपयोग, कचरे का निपटान, जल संरचना, तालाबों की सफाई, पब्लिक टॉयलेट सहित अन्य बिन्दु पर टीम सर्वेक्षण करती है और उसके आधार पर नंबर देती है।