कंपनी ने दी सफाई कहा- तिरुपति मंदिर को अमूल ने कभी घी सप्लाई नहीं किया

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नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले में स्थित तिरुमाला मंदिर में दिए जाने वाले प्रसाद के लड्डू में पशुओं की चर्बी के इस्तेमाल को लेकर उठे विवाद के बीच अमूल ने शुक्रवार को सफाई दी। कंपनी ने कहा है कि उनकी तरफ से कभी भी घी तिरुपति मंदिर को नहीं सप्लाई किया गया। अमूल इंडिया ने शुक्रवार को कहा कि सोशल मीडिया पर ऐसी रिपोर्ट सामने आईं हैं, जिनमें कहा गया है कि तिरुपति मंदिर में हमारी ओर से घी जाता था। कंपनी ने कहा यह सभी रिपोर्ट अफवाह हैं। कंपनी ने कहा, हम बताना चाहते हैं कि हमने कभी भी तिरुपति मंदिर को अमूल घी की सप्लाई नहीं की है। अमूल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर बयान जारी करते हुए साफ किया कि उन्होंने कभी तिरुपति मंदिर को घी की सप्लाई नहीं की है।
अमूल ने कहा कि सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहें पूरी तरह गलत हैं। अमूल ने कहा, “हमारा घी अत्याधुनिक और आईएसओ प्रमाणित प्लांट्स में तैयार होता है। यह शुद्ध दूध की वसा से बनाया जाता है, जो गुणवत्ता जांच के बाद ही इस्तेमाल किया जाता है। हमारी डेयरियों में हासिल दूध एफएसएसएआई द्वारा निर्दिष्ट मिलावट का पता लगाने सहित कठोर गुणवत्ता जांच से गुजरता है।ह्ण

जगन मोहन रेड्डी की सफाई
रेड्डी ने कहा कि टेंडर प्रक्रिया हर छह महीने में होती है और योग्यता मानदंड दशकों से नहीं बदले हैं। सप्लाई करने वाले को एनएबीएल प्रमाणपत्र और उत्पाद गुणवत्ता प्रमाणपत्र देना होता है। टीटीडी घी का सैंपल लेता है और केवल उन्हीं सामानों का उपयोग किया जाता है, जो सर्टिफिकेट की प्रक्रिया पास करते हैं। टीडीपी धार्मिक मामलों का राजनीतिकरण कर रही है। हमारे शासन में, हमने 18 बार उत्पादों को अस्वीकार कर दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को सीएम नायडू से बात की और इस मुद्दे पर पूरी रिपोर्ट मांगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मामले की जांच करेगी और उचित कार्रवाई करेगी।

 

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