ठेका दिलाने के नाम पर ठेकेदारों से 13 लाख की धोखाधड़ी
उज्जैन। ठेकेदारों को झांसे में लेकर ठेका दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले सेवानिवृत्त इंजीनियर के पुत्र पर शुक्रवार को एक ओर मामला पुलिस ने दर्ज किया है। पूर्व में भी उसके खिलाफ केस दर्ज हो चुके है। वह लगातार फरार चल रहा है।
अणु परिसर में रहने वाला अर्पित पिता यतीन्द्र द्विवेदी 3 सालों से ठेकेदारी करने वालों को अपने झांसे में लेकर रेलवे का ठेका दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी को अंजाम दे रहा था। शुक्रवार को नीलगंगा पुलिस ने ग्राम असलावदा के रहने वाले चंद्रशेखर और नागदा के रहने वाले गिरवरसिंह गौतम की शिकायत पर अर्पित के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा 420, 406 में केस दर्ज किया है। गिरवर और चंद्रशेखर ठेकेदारी का काम करते है। 2019 में अर्पित ने दोनों को रेलवे में ठेका दिलाने का झांसा दिया था। वह दोनों को अपने जाल में फंसाने के लिये फतेहबाद-उज्जैन गेज के चल रहे काम को दिखाने भी ले गया। दोनों को माधवनगर रेलवे स्टेशन पर चल रहे काम का अवलोकन भी कराया। गिरवर ने उसके झांसे में आकर 6 लाख और चंद्रशेखर ने 7 लाख रुपये उसे दे दिये। जब कई महिनों तक उन्हें ठेका नहीं मिला तो दोनों अपने पैसे मांगने लगे। अर्पित ने गिरवर को आईसीआईसी बैंक और चंद्रशेखर को आईडीबीआई बैंक का चैक थमा दिया और गायब हो गया। दोनों ने बैंक में चैक लगाये तो बंद खाते के होना सामने आये। अपने साथ धोखाधड़ी होने पर उन्होंने मामले की शिकायत नीलगंगा पुलिस से की।