महंगा हुआ सब्जियों का स्वाद….जो फ्री में आता था वह चार सौ रूपए तक पहुंचा
इंदौर। सब्जियों का स्वाद महंगा हो गया है। कहने का अभिप्राय यह है कि हर सब्जी दुगुने तिगुने भाव पर मिल रही है वहीं कभी सब्जियों की खरीदी पर फ्री में दिये जाने वाला
हरा धनिया भी चार सौ रुपए प्रति किलो बिक रहा है।
अन्य हरी सब्जियां भी 80 से 100 रुपये किलो के दाम पर बिकने लगी हैं। दरअसल, थोक सब्जी मंडी में सब्जियों की आवक बहुत कमजोर हो गई है। इंदौर की थोक मंडी में सब्जियों की आपूर्ति थोड़ी बहुत निमाड़ से आ रही है। शेष सब्जियों की आपूर्ति महाराष्ट्र और गुजरात के भरोसे है। बीते दिनों की जोरदार बरसात के चलते खेतों में पानी भर गया था। इसकी वजह से सब्जियों की फसल खराब हो गई। हरा धनिया, पत्ता गोभी, करेला जैसी सब्जियां महाराष्ट्र से आ रही हैं। अन्य सब्जियों की आपूर्ति भी निमाड़ के दूर के क्षेत्रों और गुजरात से हो रही है। ऐसे में भाव काफी बढ़ गए हैं। आवक भी बहुत कमजोर है। ऐसे में सब्जियों की आपूर्ति मांग के मुकाबले काफी कमजोर होने से दामों में जोरदार तेजी है। थोक मंडी के मुकाबले खेरची बाजार में दोगुने दाम पर इन्हें उपभोक्ताओं को बेचा जा रहा है। श्राद्धपक्ष में सब्जियों की खपत चरम पर होती है। हर वर्ष इस दौर में सब्जियां आसानी से मिलती हैं और दाम सामान्य स्तर पर रहते हैं। इस साल बरसात की देरी और एक साथ बादलों के बरसने से खेतों में पानी भरा तो सब्जियां खराब हो गईं। खेरची बाजार में प्याज के दाम 50 से 80 रुपये किलो हो गए हैं। दक्षिण भारत में बरसात से प्याज की नई फसल खराब होने की खबरों से आगे दाम और बढ़ सकते हैं। कारोबारियों के अनुसार स्थिति सुधरने और लोकल माल की आवक फिर होने में कम से कम 20 दिन का समय लगेगा। फिलहाल बाजार में धनिया, पत्ता गोभी, ग्वार फली, करेला, बालोर, तोरई, मैथी महाराष्ट्र से आ रही है। करेला, सुरजना फली जैसी कुछ सब्जियां गुजरात से आ रही हैं। टमाटर आधा स्थानीय स्तर पर और आधार महाराष्ट्र से आ रहा है। इस बीच अंदेशा है कि आने वाले समय में अब प्याज भी महंगा होगा।