धंधा बना लिया भीख मांगकर कमाई करने का, संपन्न भी मांग रहे थे भीख
ऐसे 22 फर्जी भिखारियों को घर भिजवाया
इंदौर। भिक्षुकमुक्त इंदौर अभियान के तहत इंदौर में इस दिशा में काम करने वाली संस्था ने चार मंदिरों के बाहर से भिक्षुकों को रेस्क्यू किया और कुछ को समझाइश देकर घर रवाना किया। संस्था ने रेस्क्यू किए भिक्षुकों को परदेशीपुरा के भिक्षुक पुनर्वास केंद्र में रखा है। कल सुबह संस्था परम पूज्य रक्षक आदिनाथ वेलफेयर एंड एजुकेशनल सोसायटी की टीम ने राजबाड़ा के महालक्ष्मी मंदिर, उषा नगर के लक्ष्मीमाता मंदिर, बड़ा गणपति और श्री रणजीत हनुमान मंदिर के बाहर ये रेस्क्यू अभियान चलाया। इसमें 5 भिक्षुकों को रेस्क्यू किया गया और 22 बुजुर्ग फर्जी भिक्षुकों को समझाइश देकर उनके घर रवाना किया गया। संस्था की रूपाली जैन ने बताया कि रेस्क्यू किए बुजुर्ग भिक्षुकों को परदेशीपुरा के भिक्षुक पुनर्वास केंद्र में रखवाया गया है। केंद्र की योजना के तहत इंदौर को भिक्षुकमुक्त बनाने का अभियान चलाया जा रहा है, जिसके चलते संस्था ने ये अभियान चलाया।
मंदिरों के बाहर भिक्षुकों की भीड़ से लगता है जाम भी
महालक्ष्मी मंदिर के बाहर शुक्रवार को आम दिनों की तुलना में ज्यादा संख्या में भिक्षुक पहुंचते हैं, जिससे सडक़ पर यातायात भी प्रभावित होता है। यही हाल श्री रणजीत हनुमान मंदिर के भी होता है। कई बुजुर्ग बीमार हालत में होते हैं तो कई बार इनके झगडऩे की बातें भी सामने आ चुकी हैं।