अगले दो माह में जल उपभोक्ता संस्थाओं में एडजस्ट होंगे बीजेपी पदाधिकारी, ढाई हजार जल उपभोक्ताओं में किया जाएगा एडजस्ट, पार्टी बना रही है सूची
उज्जैन। सत्ता का सुख भोगने के लिए आतुर उज्जैन के बीजेपी पदाधिकारियों को भी जल्द ही जल उपभोक्ता संस्थाओं में मौका मिल सकता है। प्रदेश बीजेपी कार्यालय ऐसे पदाधिकारियों की सूची तैयार कर रही है। बीजेपी सूत्रों के अनुसार इस सूची में उज्जैन के भी पदाधिकारियों के नाम शामिल है। लेकिन किन पदाधिकारियों के नाम सूची में है, अभी यह सामने नहीं आ सका है।
प्रदेश में बीजेपी के शक्ति केंद्र और बूथों के पदाधिकारियों को अगले दो माह में जल उपभोक्ता संस्थाओं में एडजस्ट किया जाएगा। ये कार्यकर्ता जल संसाधन विभाग की करीब ढाई हजार जल उपभोक्ता संस्थाओं में एडजस्ट होंगे। जल संसाधन विभाग ने इन संस्थाओं के चुनाव के लिए तैयारी शुरू कर दी है और इसके लिए सभी जिलों के कार्यपालन यंत्रियों से जानकारी मांगी जा रही है। जल संसाधन विभाग द्वारा प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले से पेंडिंग जल उपभोक्ता संस्थाओं के अध्यक्ष व सदस्यों के निर्वाचन की तैयारी शुरू कर दी है। इन संस्थाओं के लिए मतदाता सूची तैयार कराने का काम फरवरी 2024 में किया है। इसके बाद विभाग ने कार्यपालन यंत्रियों और मुख्य अभियंताओं के माध्यम से जिलों में बनने वाली जल उपभोक्ता संथा और कार्यक्षेत्र बदलने वाली उपभोक्ता संथाओं के प्रस्ताव मांगे हैं। अभी यह प्रस्ताव सरकार तक नहीं पहुंचे हैं। इसलिए जल संसाधन विभाग ने अक्टूबर तक नई जल उपभोक्ता संस्था गठन की प्रक्रिया फाइनल करना तय किया है।
जल संसाधन विभाग के अफसरों के अनुसार प्रदेश में 2400 जल संस्थाएं पहले से काम कर रही हैं। नई संस्थाओं के गठन को लेकर बुलाए गए प्रस्तावों के दौरान पिछले साल 68 नई संस्था के प्रस्ताव शासन को फरवरी 2023 तक मिले थे। इसके साथ ही 25 संस्थाओं के कार्यक्षेत्र में बदलाव के प्रस्ताव भी आए थे, जिसका नोटिफिकेशन 17 मार्च 2023 को हो गया था लेकिन तब नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सरकार ने जल उपभोक्ता संस्था के चुनाव टाल दिए थे। इन संस्थाओं के माध्यम से जल स्रोतों से नहरों के जरिये खेतों तक पहुंचाए जाने वाली पानी की निगरानी, जल कर वसूली और अन्य व्यवस्थाओं का काम किया जाता है।
जल संसाधन विभाग के अफसरों के अनुसार प्रदेश में 2400 जल संस्थाएं पहले से काम कर रही हैं। नई संस्थाओं के गठन को लेकर बुलाए गए प्रस्तावों के दौरान पिछले साल 68 नई संस्था के प्रस्ताव शासन को फरवरी 2023 तक मिले थे। इसके साथ ही 25 संस्थाओं के कार्यक्षेत्र में बदलाव के प्रस्ताव भी आए थे, जिसका नोटिफिकेशन 17 मार्च 2023 को हो गया था लेकिन तब नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सरकार ने जल उपभोक्ता संस्था के चुनाव टाल दिए थे। इन संस्थाओं के माध्यम से जल स्रोतों से नहरों के जरिये खेतों तक पहुंचाए जाने वाली पानी की निगरानी, जल कर वसूली और अन्य व्यवस्थाओं का काम किया जाता है।