रात्रिगश्त में 2 पुलिसकर्मियों की कार्यशैली देख एसपी ने दिया इनाम

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उज्जैन। रात्रिगश्त में बुधवार-गुरूवार रात नीलगंगा थाना एएसआई और प्रधान आरक्षक की दो संवेदनशील मामलों में मुस्तैदी को देखते हुए एसपी ने उन्हे 10-10 हजार के इनाम से पुरूस्कृत करने की बात कहीं है। रात में दोनों मामलों का पटाक्षेप नहीं होता तो सुबह घटनाक्रम बड़े रूप में समाने आते। नीलगंगा थाना एएसआई संतोष बघेल और प्रधान आरक्षक रात्रिगश्त पर निकले थे। इंदौर-नागदा बायपास मार्ग पर गश्त के दौरान उन्हे सूनसान मार्ग पर बाइक से एक युवक और नाबालिग आती दिखाई दी। दोनों ने उनका पीछा किया और रोककर पूछताछ की। मामला काफी संवेदनशील था नाबालिग 14 साल की थी और युवक 25 वर्षीय था। युवक पुलिस को देख हड़बड़ा गया, शंका होने पर सख्ती की गई तो सामने आया कि युवक नाबालिग को इंगोरिया थाना क्षेत्र से बहला-फुसलाकर लाया है। एएसआई और प्रधान आरक्षक ने उन्हे अपनी कस्टडी में लिया और थाने पहुंचाया। उसके बाद इंगोरिया पुलिस से संपर्क किया, जहां नाबालिग के अपहरण का मामला दर्ज हो चुका था। रात में ही इंगोरिया पुलिस उज्जैन के लिये रवाना हुई, सुबह नाबालिग और युवक को इंगोरिया ले जाया गया है। कुछ घंटे बाद ही दोनों पुलिसकर्मी गश्त करते हुए विक्रमादित्य होटल के समाने अर्चना परिसर पहुंचे, जहां 65-70 वर्षीय बुजुर्ग महिला रात 3 बजे के लगभग शिव मंदिर में लगी प्रतिमाओं को इधर-उधर कर रही थी। मंदिर तक पहुंचने के बाद सामने आया कि बुजुर्ग महिला ने मंदिर में काफी गंदगी भी कर दी है। उससे पूछताछ करने का प्रयास किया तो वह मानसिकरूप से विक्षिप्त होना सामने आई। उसके परिजनों का पता करने पर समीप रहने वाले सामने आये। महिला का परिजनों के सुपुर्द किया और मंदिर का रात में ठीक कर दिया। अगर घटना का सुबह पता चलता तो मामला धार्मिक भावना से जुड़कर बड़ा रूप ले लेता। दोनों मामलो का पता एसपी प्रदीप शर्मा को चला तो उन्होने रात्रिगश्त के दौरान एएसआई और प्रधान आरक्षक की मुस्तैदी को देखते हुए 10-10 हजार का इनाम देने की घोषणा कर दी।
इधर चंद घंटे में तलाशा बालिका को
गुरूवार शाम लोटि चौराहा पर वाहन चैकिंग कर रही नीलगंगा पुलिस टीम के पास विष्णपुरा की रहने वाली महिला रोती हुई पहुंची और अपनी 14 वर्षीय बालिका के लापता होने की खबर दी। पुलिस ने तत्काल ही बालिका की तलाश शुरू की और क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरे देखे। बालिका के दिखाई देते ही उसके जाने वाले रास्तों को ट्रेक किया गया। चंद घंटो बाद क्षेत्र से ही बालिका को खोज निकाला गया। जिसे परिजनों के सुपुर्द किया गया है। नीलगंगा टीआई विवेक कनोडिया ने बताया कि बालिका को चंद घंटे में खोजकर परिजनों के सुपुर्द करने में एसआई यादवेन्द्र परिहार, आरक्षक अंकित सूरज की भूमिका रही, जो वाहन चैकिंग छोड़कर तत्काल बालिका की तलाश में रवाना हो गये थे।

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