सीएम यादव ने कहा- खाद बीज की कालाबाजारी बर्दाश्त नहीं होगी, उज्जैन जिले में भी किसान होते है खाद बीज के लिए परेशान
नहीं होते है या फिर किसानों की लंबी कतार लगी रहती है इधर खाद बीज की कालाबाजारी के भी मामले सामने आते रहते है। इधर प्रदेश में रबी फसलों के लिए खाद की कमी सामने आने पर मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने को खाद और बीज की उपलब्धता और वितरण की स्थिति को लेकर समीक्षा की। इसमें उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि खाद-बीज की कालाबाजारी बर्दाश्त नहीं होगी। जो ऐसा करता पाया जाए उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि प्रदेश में फसलों के बोवनी के क्षेत्र चिन्हित कर आवश्यकता के अनुरूप खाद-बीज की व्यवस्था करें। अक्टूबर-नवंबर में खाद-बीज की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे, ताकि किसानों को कोई असुविधा न हो। जनप्रतिनिधियों एवं जिलों के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से खाद-बीज की उपलब्धता के संबंध में बात भी की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि भारत सरकार ने डीएपी का आवंटन आठ लाख मीट्रिक टन कर दिया है। जबकि, रबी 2024-25 के लिए छह लाख मीट्रिक टन डीएपी के आवंटन की सहमति दी गई थी। डीएपी के स्थान पर एनपीके के उपयोग के लिए जिलों को निर्देश दिए गए हैं। इसके कारण खरीफ 2024 में डीएपी की कमी परिलक्षित नहीं हुई। डीएपी की कमी की पूर्ति के लिए प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में यूरिया एवं एसएसपी उपलब्ध है। बैठक में कृषि मंत्री एदल सिंह कंषाना, मुख्य सचिव वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डा. राजेश राजौरा, कृषि उत्पादन आयुक्त मोहम्मद सुलेमान तथा अपर मुख्य सचिव कृषि अशोक बर्णवाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।