इंदौर में घी बनाने के लिए पॉम ऑइल का हो रहा था इस्तेमाल

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इंदौर। इंदौर में घी बनाने के लिए पॉम ऑइल का इस्तेमाल किया जा रहा था। फिलहाल खाद्य एवं औषधि प्रशासन के अफसरों ने कार्रवाई करते हुए पांच लीटर से अधिक नकली घी को पकड़ने की कार्रवाई की है।

राजस्थान के बुंदी से मंगाकर रिपैक कर बेच रहे थे, जिससे असली-नकली के बीच अंतर करना मुश्किल हो जाए। आरोपियों ने बताया कि पिछले 3 माह में करीब 10 हजार लीटर नकली घी शहर की दुकानों पर खपा चुके हैं।  कार्रवाई को प्रदेश की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई बताया जा रहा है।   खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम ने वीर सावरकर नगर स्थित सन्नी इंटरप्राइजेस पर छापा मारा। यहां से करीब साढ़े 5 हजार लीटर नकली घी जब्त किया। संचालक सन्नी परमार के पास रिटेल और होलसेल का लाइसेंस मिला, लेकिन वह खुद को घी निर्माता बताकर नकली घी बेच रहा था। अधिकारियों के मुताबिक पहले हमें लगा कि यह सिर्फ पाम ऑइल है, क्योंकि बिल पर भी यहीं लिखा था। हमने एक पैकेट खोलकर देखा, तो उसमे देशी घी जैसी महक आई। इस पर शक हुआ, तो सख्ती से पूछताछ की। मौके से देवश्री मंगलश्री, देवश्री वेज फेट्स और देवश्री रामदेवम् नाम से पैक किए नकली घी के पैकेट मिले है। जांच में पता चला कि सन्नी इंटरप्राइजेज राजस्थान से नकली घी बुलाकर उसे रिपैक कर किराना दुकानों पर बेचते थे। उनका ध्यान ग्रामीण क्षेत्रों की दुकानों पर रहता था, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र में नकली घी को आसानी से खपाया जा सकता है। एक लीटर, 500 ग्राम और 250 ग्राम की पैकिंग में नकली घी को बेचा जाता था। थोक में इसे करीब 150 रुपये किलो के हिसाब से बेचा जाता था। अधिकारियों के मुताबिक दुकान संचालक ने राजस्थान के बुंदी से नकली घी तैयार कर ट्रांसपोर्ट के माध्यम से इंदौर बुलवाने की बात कबूल कर ली है। जहां से नकली घी बुलवाया जा रहा था उसके पास भी कोई निर्माण लाइसेंस नहीं है। गौरतलब है कि सन्नी इंटरप्राइजेस का बोर्ड मौके पर लगा मिला उस पर भी सिर्फ वनस्पती तेल का होलसेलर और रिटेलकर लिखा हुआ मिला।

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