व्यापमं केस में सीबीआई की जांच सार्वजनिक हो

0

दैनिक अवन्तिका भोपाल

12 साल बाद मप्र के 45 परिवहन आरक्षकों की नियुक्ति परिवहन विभाग ने निरस्त की है। व्यापमं के जरिए साल 2012 में हुई इस भर्ती को लेकर कांग्रेस ने सीबीआई, एसआईटी सहित तमाम जांच एजेंसियों को उस दौरान शिकायत की थी। अब नियुक्तियां निरस्त होने के बाद कांग्रेस ने सीबीआई द्वारा अब तक इस मामले को लेकर की गई जांच की हाईकोर्ट के जज से जांच कराने की मांग की है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने कहा- मध्य प्रदेश में सीबीआई के जो अधिकारी जांच करने के लिए आए थे वो ही भ्रष्टाचार में पकड़े गए। इससे यह पता चलता है कि जांच करने वाले अधिकारी कितने सक्षम थे। इसलिए हम लोगों ने मांग की है कि हाई कोर्ट के किसी रिटायर वरिष्ठ जज की निगरानी में जांच करवाई जाए। आप देख सकते हैं कि प्रदेश में किस तरह से पत्रकार की हत्या हो जाती है। आरटीआई एक्टिविस्ट के साथ घटना हो जाती है। आज भी इन सब की जांच सरकार नहीं कर रही है। अगर सरकार जांच करती तो पब्लिक फोरम पर लेकर आती।

प्रदेश में व्यापम परीक्षाओं के घोटाले का लंबी लिस्ट है। पिछले 10-12 सालों से लगातार कांग्रेस पार्टी के नेता और हमारे मीडिया के प्रभारी केके मिश्रा इस मुद्दे को सरकार और जनता को सामने रखते आए हैं। जब परिवहन की परीक्षा हुई तो गलत नियुक्तियां की गई। जब सरकार सुप्रीम कोर्ट गई तो कोर्ट के निर्देश पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने इस नियुक्ति को निरस्त किया। इससे यह स्पष्ट होता है कि मध्य प्रदेश के परीक्षाओं में घोटाला हुआ।

युवाओं का भविष्य बर्बाद हुआ
इसके बाद हाई कोर्ट के निर्देश पर आरक्षक की भर्ती को सरकार को निरस्त करना पड़ा। इससे स्पष्ट होता है कि व्यापम के माध्यम से परीक्षाओं में बड़े-बड़े घोटाले होते रहे हैं। सीबीआई की जांच यहां पर हुई। इसका कोई लेखा-जोखा नहीं है। प्रदेश की जनता जानना चाहती है कि सीबीआई ने क्या जांच की है। अगर सरकार ने घोटाला नहीं किया है तो सारी चीजें पब्लिक प्लेटफॉर्म पर आनी चाहिए। हम लोग पहले भी मांग करते आए हैं और फिर मांग कर रहे हैं कि इस पूरे महाघोटाले की जांच उच्च न्यायालय के वरिष्ठ जज की निगरानी में की जाए। साथ ही जनता के सामने आना चाहिए कि किस तरह से व्यापम में प्रदेश के लाखों युवाओं का भविष्य प्रदेश की सरकार ने बर्बाद किया है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *