8 दिनों की रिमांड पर गाजियाबाद से हिरासत में आया खाताधारक
उज्जैन। बैंक आॅफ इंडिया से सेवानिवृत्त मैनेजर को डिजीटल अरेस्ट कर 50.71 लाख की ठगी करने के मामले में पुलिस एक खाताधारक को गाजियाबाद से गिरफ्तार कर उज्जैन लाई है। शुक्रवार को उसे न्यायालय में पेश कर 8 दिनों की रिमांड पर लिया गया है।
7-8 अगस्त को छायानगर नीरा हवेली में रहने वाले सेवानिवृत्त बैंक मैनेजर राकेश कुमार पिता स्व. किशनचंद्र जैन को वाट्सएप कॉल कर बदमाशों ने डिजीटल अरेस्ट कर लिया था और खुद को सीबीआई और मुम्बई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर लाखों की मनी लॉड्रिंग के जाल में फंसाकर 50.71 लाख की राशि अपने खातों में ट्रांसफर करा ली थी। 10 अगस्त को डिजीटल अरेस्ट से मुक्त होने के बाद उन्होने मामले की शिकायत माधवनगर थाने पहुंचकर की थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। गुरूवार-शुक्रवार रात पुलिस की एक टीम गाजियाबाद के मुरार नगर में रहने वाले अर्जुनसिंह पिता सेंसर पाल को गिरफ्तार कर उज्जैन लाई। एसआई शशिकांत गौतम ने बताया कि अर्जुन को न्यायालय में पेश कर 8 दिनों की रिमांड पर लिया गया है। पूछताछ में पता चला है कि उसने किसी जाट नामक व्यक्ति को अपना खाता 25 से 30 प्रतिशत कमीशन पर दिया था। सेवानिवृत्त बैंक मैनेजर से ठगी गई कुछ राशि उसके खाते में ट्रांसफर हुई थी। उसके खाते में कई अन्य ट्रांजेक्शन भी मिले है। जिसकी जांच शुरू की गई है। उसे रिमांड अवधि में गाजियाबाद ले जाया जायेगा और जाट की तलाश की जायेगी। वहीं अन्य खातों में ट्रांसफर राशि के खाताधारको का पता लगाया जायेगा।
ढाई करोड़ ठगी में भी टीम रवाना
10 सितंबर को मंगल कालोनी में रहने वाले हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड से सेवानिवृत्त अधिकारी रविन्द्र कुलकर्णी 76 वर्ष को बदमाशों ने मुम्बई तिलकनगर थाने और अंधेरी थाने का अधिकारी बनकर पोर्न वीडियो और मननी लॉड्रिंग के 17 मामले दर्ज होना बताकर ढाई करोड़ रूपये का ट्रांजेक्शन कर लिया था। मामले में माधवनगर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। कुछ खातों में ट्रांसफर हुए सवा करोड़ होल्ड करा लिये गये थे। बताया जा रहा है कि ठगी के मामले से जुड़े 3 बदमाशों का पता पुलिस को मिल गया है। जिनकी गिरफ्तारी के अलग-अलग 2 टीमे रवाना की गई है। जल्द ही उक्त मामले में महत्वपूर्ण सुराग मिल सकते है।