मानसून की झमाझम,12 घंटे में 60.4 मि. मी. बारिश
उज्जैन। बंगाल की खाड़ी से उठा मानसून 4 दिनों से सक्रिय बना हुआ है। शुक्रवार-शनिवार रात 60.4 मि. मी. बारिश दर्ज की गई। शिप्रा का जलस्तर बढ़ रहा था और गंभीर डेम का एक गेट दो मीटर के लिए खुला हुआ था।
जून जुलाई में औसत से कम बारिश होने के बाद अगस्त के दो सप्ताह में रिमझिम के साथ गुजरे थे लेकिन अगस्त के अंतिम सप्ताह से मानसून में रफ्तार पकड़ी थी और शहर में जल भराव की स्थिति निर्मित हो गई। सितंबर माह की शुरुआत के बाद बारिश की रफ्तार कम हुई थी। अब एक बार फिर सितंबर माह खत्म होने से पहले बंगाल की खाड़ी से चक्रवात सक्रिय दिखाई दे रहा है। 23-24 सितंबर की रात 60 मिलीमीटर से अधिक बारिश होने के बाद 27-28 सितंबर की रात भी झमाझम का नजारा दिखाई दिया है और सुबह 6 बजे तक 60.4 मिलीमीटर बारिश से दर्ज हो चुकी है। आज सुबह से भी बारिश का रिमझिम दौर जारी है। शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ चुका था रामघाट चौकी प्रभारी जगदीश सोलंकी में बताया कि शिप्रा का रामघाट पानी से भरा दिखाई दे रहा है। दत्त अखाड़ा से रामघाट की और आने वाली रपट पूरी तरह डूबी हुई है। रात भर से हो रही बारिश के चलते गंभीर डेम के रात को दो गेट खोले गए थे एक को कुछ देर बाद बंद कर दिया गया था वही आज सुबह तक एक गेट 2 मीटर खुला हुआ था और डेम का लेवल मेंटेन रखने के लिए पानी छोड़ा जा रहा था। मौसम विभाग में आज की बारिश का अलर्ट जारी किया है। शुक्रवार शाम 6 बजे शुरू हुई बारिश के बाद जन जीवन प्रभावित दिखाई दे रहा है कई क्षेत्रों में जल भराओं की स्थिति बनी है और नीचे बस्तियों के लोग पानी भरने से मुसीबत में दिखाई दे रहा है।