कौन होगा अगला मुख्य सचिव….! सरकार का खुलासा नहीं अभी

भोपाल। मध्य प्रदेश का अगला मुख्य सचिव कौन होगा अभी इसका सरकार ने खुलासा नहीं किया है लेकिन बताया जा रहा है कि सरकार ने नये सीएस का नाम जरूर तय कर लिया है जिसका ऐलान जल्द ही हो सकता है। बता दें मौजूदा मुख्य सचिव वीरा राणा का एक्सटेंशन कार्यकाल 30 सितंबर को पूरा हो जाएगा।

यदि दिल्ली में पदस्थ अनुराग जैन (1989) नहीं लौटे, तो फिर 1990 बैच का आईएएस ही अगला मुख्य सचिव हो सकता है। जिसमें मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा (1990) और इसी बैच के ही अपर मुख्य सचिव गृह शिवनारायण मिश्रा में से किसी एक के नाम पर मुहर लगेगी। इनमें से राजौरा मई 2027 और मिश्रा जनवरी 2025 में सेवानिवृत्त होंगे। प्रशासनिक व्यवस्था में ऐसी परंपरा है कि जब किसी जूनियर अधिकारी को प्रशासनिक मुखिया बनाया जाता है, तब वरिष्ठ अधिकारियों को मंत्रालय से बाहर पदस्थ कर दिया जाता है। प्रदेश सरकार ने नए मुख्य सचिव के फैसले से पहले ही यह तय कर दिया है। जिसमें मप्र में पदस्थ 1989 बैच के मोहम्मद सुलेमान को कर्मचारी चयन बोर्ड का अध्यक्ष बनाकर मंत्रालय से बाहर कर दिया है। जबकि इसी बैच के आईएएस विनोद कुमार और जेएन कंसोटिया पहले से ही मंत्रालय से बाहर हैं। विनोद कुमार जनजाति अनुसंधान एवं विकास संस्थान के संचालक है। जबकि कंसोटिया प्रशासनिक अकादमी के महानिदेशक है। 1989 बैच के दो अधिकारी अनुराग जैन और आशीष उपाध्याय दिल्ली में पदस्थ है। जिनमें से उपाध्याय इसी महीने सेवानिवृत्त हो रहे हैं। मुख्य सचिव वीरा राणा को इकबाल सिंह बैंस के बाद प्रदेश का मुख्य सचिव बनाया गया था। उनका कार्यकाल 31 मार्च तक था, लेकिन लोकसभा चुनाव को देखते हुए राज्य सरकार की अनुशंसा पर केंद्र सरकार ने उनका कार्यकाल 6 माह के लिए बढ़ा दिया था, अभी 30 सितंबर तक उनका कार्यकाल है। इसके पहले प्रदेश में नए मुख्य सचिव की रेस शुरू हो गई है। इस रेस में सबसे आगे प्रदेश के सीनियर आईएएस अधिकारी राजेश राजौरा हैं। उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव बनाया गया है। इसके साथ ही उनका अगला मुख्य सचिव बनाया जाना तय माना जा रहा है। राजेश राजौरा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सबसे पसंदीदा अधिकारी हैं। मुख्यमंत्री द्वारा मुख्य सचिवों को संभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, तो उनमें राजौरा को उज्जैन संभाग का जिम्मा सौंपा था। उनकी प्रशासनिक क्षमता जबरदस्त है। लंबे समय से गृह विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे राजौरा इंदौर, उज्जैन, बालाघाट, धार आदि जिलों में जमीनी काम कर चुके हैं।