ग्वालियर के बाद शिवपुरी से मिला डीएवीवी को कुलपति, इंदौर की लड़ाई ने फिर दिया बाहरी को मोका
इंदौर। मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने शनिवार को देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के नए कुलगुरु का फैसला कर ही दिया। शिवपुरी के यूनिवर्सिटी इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (यूआईटी) के निदेशक डॉ. राकेश सिंघई को नया कुलगुरु बनाया गया है।
एक बार फिर इंदौर के लोकल शिक्षको की उम्मीदों पर पानी फिर गया। ऐसे में डीएवीवी को फिर से कई मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।
इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के नए कुलगुरु की तलाश खत्म हो गई है। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने शनिवार को आदेश जारी कर शिवपुरी के यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (यूआईटी) के निदेशक डॉ. राकेश सिंघई को नया कुलगुरु बनाया गया है।
उनका कार्यकाल चार साल का होगा। 27 सितंबर को रेणू जैन का कार्यकाल खत्म हो गया था। उसके पहले से ही नए कुलगुरु की तलाश शुरू हो गई थी।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल के हस्ताक्षर से शनिवार को आदेश जारी हुआ। इसमें शिवपुरी यूआईटी के डायरेक्टर प्रो. राकेश सिंघई को चार साल के लिए या 70 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो, के लिए देवी अहिल्या विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया है।
लगातार दूसरे बाहरी कुलपति
राकेश सिंघई देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के लगातार दूसरे कुलपति हैं, जो बाहरी हैं।
रेणू जैन को भी बाहर से इंदौर लाया गया था। यह भी एक संयोग ही है कि सिंघई भी जैन समुदाय से आते हैं और रेणू जैन के साथ ही उनके पूर्ववर्ती नरेंद्र धाकड़ भी जैन समाज से आते थे।
2020 में धाकड़ को राज्य सरकार ने धारा-52 का इस्तेमाल करते हुए हटाया था।
24 साल में पहली बार पूरा किया कार्यकाल —
27 सितंबर को देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की पहली महिला कुलपति डॉ. रेणु जैन का कार्यकाल पूरा हो गया।
देवी अहिल्या विवि में पूरे 24 साल बाद किसी कुलपति ने कार्यकाल पूरा किया। दो दशक तक कोई कुलपति कार्यकाल पूरा नहीं कर सका था।
कोई इस्तीफा देकर गया तो किसी को राज्य सरकार ने धारा 52 के तहत हटाया। कुलपति प्रो. रेणू जैन ने न केवल चार साल का कार्यकाल पूरा किया बल्कि प्रभारी कुलपति के तौर पर भी एक साल तक पद पर रहीं।
जैन ने अपने कार्यकाल में राष्ट्रपति द्रोपदी मूर्म को दीक्षांत समारोह में आमंत्रित कर विश्वविद्यालय के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों से नाम दर्ज किया है।