लता जी फिल्म को सफल करने की गारंटी थी
इंदौर । इंदौर में आयोजित लता अलंकरण समारोह में केएस चित्रा और संगीतकार उत्तम सिंह को राष्ट्रीय लता अलंकरण से सम्मानित किया गया। उन्हें मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सम्मानित किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि लता जी अद्वितीय गायिका थी। उनके जीवन में कई उतार चढ़ाव आए। उनकी आवाज की यात्रा के भी अलग-अलग गीत मिलेंगे। लता जी फिल्म को सफल करने की गारंटी थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने सरस्वती का नहीं देखा, लेकिन लता जी को सुनकर अहसास होता है कि वीणावादिनी की आवाज कैसी होगी। लता जी ने अपना जीवन परिवार के लिए समर्पित कर किया। उन्होंने स्वर साधना के मार्ग को अपनाया। एक दौर में उनकी आवाज भी चली गई, लेकिन उन पर ईश्वर की कृपा थी। पहले फिल्मों में गायकों को कम राशि मिलती थी। उस दौर में लता जी ने गायकों के लिए रायल्टी की लड़ाई लड़ी। कई बड़े निर्माता-निर्देशकों से लोहा लिया। यह बड़ी बात है। संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कहा कि लता मंगेशकर किसी परिचय की मोहताज नहीं है। छह दशकों तक उनकी आवाज देशवासियों की पहली पसंद रही है। भारतीय सिनेमा की सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्रियों को लता जी ने आवाज दी। इंदौर लताजी की जन्मभूमि है। यह आयोजन लता जी के प्रति आदर और सम्मान का प्रकटीकरण है। प्रदेश सरकार 1984 से लगातार यह समारोह आयोजित किया जा रहा है। संगीतकार उत्तम सिंह ने इस मौके पर कहा कि वर्ष 1986 में फिल्म मैने प्यार किया फिल्म के गाने तैयार हो गए थे। यूनिट के कई लोगों की इच्छा थी कि फिल्म के गाने लता दीदी से गंवाना है। निर्देशक ने कहा कि हमारे साथ दीदी ने सत्रह साल से गाने नहीं गाए। वे हमारी फिल्म में गाने नहीं गाएगी। इसके बाद उत्तम सिंह ने उन्हें मनाया तो लता जी ने शर्त रखी कि तुम मुझे लेने और छोड़ने आना। मैने उनकी शर्त मान ली। उन्होंंन बताया कि लता जी रिकॉर्डिंग के बाद ठंडा शीतल पेय पीती थी। उन्होंने तब कहा था कि मैने इतना रियाज किया है। मेरे गले को कुछ नहीं होता। केएस चित्रा ने कहा कि लता अलंकरण पुरस्कार मिलना मेरे लिए गौरवमयी पल है। लता मंगेशकर की गीतों में सहजता, गहराई और भावनाएं थी। उनकी आवाज संगीत की एक धरोहर थी। समारोह में केएस चित्रा ने कई गीत भी गाए।