नगर निगम के अधिकारी ठेकेदारों को भुगतान के लिए लगवा रहे चक्कर पर चक्कर

 

डेढ़ दो माह तक फाइल टेबल पर है घूमती

अधिकारियों के पास फिर भी नहीं होता भुगतान

 

इंदौर। इंदौर नगर निगम के अधिकारी – बैठकों में इतने व्यस्त रहते हैं कि ठेकेदारों के भुगतान कि उन्हें जरा भी चिंता नहीं है। जबकि ठेकेदार – पूरा काम कर रहा है लेकिन उसे हर महा भुगतान नहीं हो पा रहा है।
अधिकारियों को यह भी चिंता नहीं है कि ठेकेदार उसके कर्मचारियों को हर महीने पगार देता है निगम – का कार्य पूरा करता है फिर ठेकेदार – को भुगतान करने में क्यों देर – लगाई जाती है।
इधर फाइल में ऑर्डर होने के बाद – भी बैंक में पैसा नहीं डाला जाता है ,क्योंकि सबको अपना कमीशन चाहिए। मरता क्या नहीं करता ठेकेदारी कमीशन दे देता है उसके बाद भी भुगतान करने में महीना लग जाते हैं।
मरता क्या नहीं करता? ठेकेदार
कमीशन दे देता है उसके बाद भी अलग भुगतान करने में महीना लग जाते हैं।

भुगतान नहीं होने पर कई ठेकेदारों ने किया काम बंद–
इधर निगम सूत्रों की माने तो शहर की सड़कों को रात के समय रोशन करने और बिजली की बचत करने के उद्देश्य से इंदौर नगर निगम ने एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाने की शुरुआत की।
निगम ने अगस्त 2022 में इसका ठेका भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय की कंपनी ईईएसएल को 55 करोड़ में दिया गया था, जिसमें 30 करोड़ रुपए एलईडी लाइट और 25 करोड़ रुपए पांच साल तक संचालन व संधारण के लिए तय किए गए थे।
समझौते के तहत अलग चरण में शहर में कुल 1,33,521 स्ट्रीट लाइट को एलईडी में बदलना था, जिसके पहले चरण में 80 हजार से ज्यादा एलईडी लाइट्स लगाने थी। कंपनी ने भी शुरुआत में तेज गति से काम करते हुए एक साल के भीतर ही लगभग 78143 एलईडी लाइट्स बदल दी, लेकिन इसके बाद नगर निगम द्वारा भुगतान में लेटलतीफी होने लगी।
निगम द्वारा कंपनी का नौ करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया गया। जिससे नाराज कंपनी ने नई लाइट लगाने और मेंटेनेंस के काम से भी हाथ खींच लिए। यही हाल अन्य कार्यों का है।
महापौर और निगम आयुक्त बड़ी- बड़ी बातें करते हैं, लेकिन ठेकेदारों का भुगतान नहीं करते हैं। जबकि की जनता की गाड़ी कमाई का रुपया उन मदों पर बर्बाद हो रहा है जिसकी जरूरत ही नहीं है।