आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए गूगल की मदद लेगी पुलिस

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इंदौर। शहर में आत्महत्या जैसी घटनाओं को रोकने के लिए अब पुलिस डॉक्टरों के अलावा काउंसलर और गूगल की भी मदद लेगी। दरअसल शहर में युवाओं या विद्यार्थियों द्वारा आत्महत्या के मामले निरंतर बढ़ रहे है।

पुलिस आयुक्त राकेश गुप्ता ने पिछले तीन वर्षों के आंकड़े निकलवाए हैं। इनके आधार पर इंटेलिजेंस से आत्महत्या करने वालों की उम्र, स्थान, कारण का विश्लेषण करवाया जा रहा है।  इंदौर प्रदेश का सबसे बड़ा शिक्षा केंद्र है। देशभर के छात्र-छात्राएं कॉलेज और कोचिंग संस्थानों में पढ़ने आते हैं। कई बार पढ़ाई और स्वजन के दबाव में भी बच्चे आत्महत्या कर लेते हैं। पिछली घटनाओं में देखा गया कि कई लोगों ने आत्महत्या के पूर्व गूगल सर्च इंजन से जानकारी जुटाई थी। लिहाजा गूगल से करार किया जाएगा। जब भी कोई व्यक्ति तनाव, आत्महत्या की मंशा व्यक्त करने, स्वयं को नुकसान पहुंचाने और उससे जुड़े फोटो-वीडियो सर्च करेगा, गूगल तुरंत पुलिस को खबर करेगा। साइबर एक्सपर्ट मोबाइल नंबर और फोन के आधार पर उस व्यक्ति तक पहुंच सकेंगे।  पुलिस मनोचिकित्सकों और काउंसलर से भी संपर्क में रहेगी। डॉक्टर से ऐसे लोगों का ब्योरा साझा करेगी, जो लगातार अवसाद में चल रहे हैं, उनके अंदर बार-बार आत्महत्या का भाव आता है। ऐसे लोगों को स्वजन और काउंसलर की मदद से समझाया जाएगा। मेटा (फेसबुक) से पुलिस को अलर्ट मिलता है। जब भी कोई व्यक्ति आत्महत्या करने के बारे में मैसेज, फोटो और वीडियो साझा करता है तो मेटा साइबर सेल को अलर्ट कर देता है। पुलिस अब गूगल की सहायता लेकर घटनाएं रोकेगी।

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