जिला प्रशासन की टीम का चौंकाने वाला काम, सब्जी लेने गए मां बेटे को पकड़ा और भिखारी के रूप में उज्जैन के आश्रम भेज दिया

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अब परिवार वाले हो रहे हैं परेशान, आश्रम वाले नहीं है छोड़ने को तैयार

इंदौर । भिक्षुक को पकड़ने के लिए जिला प्रशासन की टीम के द्वारा एक चौंकाने वाला काम कर दिया गया है । इस टीम ने सब्जी लेने गए मां बेटे को पकड़ा और भिखारी के रूप में उज्जैन के आश्रम भेज दिया । अब इन मां बेटे के परिवार वाले परेशान हो रहे हैं ।
उज्जैन के आश्रम वाले छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। पिछले कुछ दिनों से जिला प्रशासन के महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा अपनी टीम के माध्यम से शहर को भिक्षुक मुक्त करने का काम किया जा रहा है।
इस काम में इस टीम के द्वारा की जा रही गंभीर किस्म की त्रुटियां सामने आ रही है। रोबोट चौराहे के समीप मुमताज बाग में रहने वाली 40 वर्षीय सीमा अपने 10 साल के बेटे गौरी शंकर को लेकर घर से थोड़ी ही दूरी पर स्थित सब्जी मंडी में सब्जी लेने के लिए गई थी।
वह सब्जी लेकर वापस नहीं लौटी। ऐसे में घर के लोग हैरान परेशान हो रहे थे। घर के लोग इन दोनों मां बेटे को ढूंढने के लिए आसपास के पूरे क्षेत्र को एक कर रहे थे।
अपनी पत्नी सीमा को ढूंढते हुए सुनील सब्जी मंडी में पहुंचे और उन्होंने जब तीन दिन तक चक्कर लगाकर खूब लोगों से पूछताछ की तो उन्हें यह जानकारी मिली कि कलेक्टर ऑफिस की टीम आई थी और कुछ महिलाओं और बच्चों को पकड़ कर ले गई है।
यह जानकारी मिलने के बाद सुनील और परेशान हो गए। उनके द्वारा प्रशासन की टीम से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन वहां पर कोई सीधे मुंह बात करने और जवाब देने के लिए तैयार नहीं था। फिर सुनील को यह जानकारी मिली कि प्रशासन के द्वारा कुछ लोगों को उज्जैन के सेवा धाम आश्रम में भेजा गया है।
सुनील की भाभी सूरज भी अपनी देवरानी को ढूंढने के लिए हैरान परेशान हो रही थी। उनके द्वारा आसपास के पूरे क्षेत्र में गली-गली घूम कर अपनी देवरानी को ढूंढने की कोशिश की जा रही थी।
इसी बीच फिर सूरज को उज्जैन भेजा गया। उज्जैन के सेवा धाम आश्रम में जब सूरज पहुंचा तो उसे यह जानकारी दी गई थी उसकी पत्नी सीमा और बेटे को भीख मांगने के आरोप में इस आश्रम में लाया गया है।
मिस्त्री का काम करने वाले सुनील का कहना है कि हमारे परिवार में कोई भिखारी नहीं है। हम तो मेहनत करके काम के खाते हैं। ऐसे में हमारे परिवार के सदस्य को भीख मांगने के आरोप में पकड़ कर हमारी बदनामी कर दी गई है। सुनील ने जब उज्जैन के आश्रम वालों से अपनी पत्नी और बेटे को छोड़ने के लिए कहा तो आश्रम वालों ने कहा कि इंदौर के कलेक्टर से लिखवा कर लेकर आ जाओ तो हम छोड़ देंगे।
अब सुनील के सामने समस्या यह है कि वह तो कोई इतना पढ़ा लिखा और महत्वपूर्ण व्यक्ति है नहीं जो कलेक्टर के पास जाकर उनसे लिखवा कर ला सके।
अब सुनील और उसका पूरा परिवार सीमा तथा बच्चे गौरी शंकर के लिए परेशान हो रहा है। इन लोगों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर उनके परिवार के सदस्य को छुड़वाकर कैसे लाएं ।

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