दशहरा दीपावली के दौरान हो सकती है राजनीतिक नियुक्तियां, उज्जैन के बीजेपी नेताओं को फिर से जगी आस
अपने वरिष्ठों के संपर्क में है कुर्सी की चाह रखने वाले नेता
उज्जैन। उज्जैन विकास प्राधिकरण के साथ ही अन्य निगम मंडलों में राजनीतिक नियुक्तियां होना है लेकिन सरकार के स्तर पर यह मामला अभी, तक झूल रहा है। हालांकि भोपाल के सूत्र यह बताते है कि दशहरा दीपावली के दौरान नियुक्तियां हो सकती है लिहाजा उज्जैन के उन बीजेपी नेताओं को भी फिर से आस जगी है जो भोपाल या दिल्ली में अपने वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में कुर्सी की चाहत में है।
प्रदेश के निगम मंडलों में अभी अध्यक्षों के पद खाली
गौरतलब है कि प्रदेश के निगम मंडलों में अभी अध्यक्षों के पद खाली हैं। कैबिनेट मंत्री का दर्जा वाले इन अध्यक्ष पदों पर सरकार कब निर्णय लेगी, इस पर फिलहाल दावे के साथ तो कुछ नहीं कहा जा सकता। लेकिन भाजपा सूत्रों का कहना है कि दशहरा-दीपावली के दौरान निगम-मंडलों में नियुक्ति होगी आपको बता दें कि दिसंबर 2023 में नई सरकार के गठन के बाद से विभिन्न निगम और मंडलों के अध्यक्षों को हटा दिया गया था। तभी से लगभग हर माह नेताओं को राजनीतिक नियुक्ति का अहसास होता है। लेकिन उनका इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। लेकिन बताया जा रहा है कि भाजपा के कई नेताओं की किस्मत दशहरे से दीपावली के बीच चमकने वाली है। जिसके चलते उन्हें निगम-मंडलों में जवाबदारी मिल सकती है। सूत्रों के अनुसार पार्टी की नजर महाराष्ट्र और झारखंड में आगामी दिनों में होने वाले विधानसभा चुनाव पर भी हैं। ऐसे में इन राज्यों में कई नेताओं को जिम्मेदारी भी दी जाएगी। इसलिए कुछ नेताओं को निगम-मंडल में नियुक्त करके उनके प्रभाव को बढ़ाने के लिए यह निर्णय लिया जा रहा है। इसके साथ ही आगामी दिनों में संगठन के चुनाव भी होने हैं, ऐसे में जिन लोगों ने संगठन में अपनी रुचि नहीं जताई है, उन्हें निगम-मंडल में नियुक्त किया जाएगा।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 3 अक्टूबर को अपने दिल्ली प्रवास के दौरान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं के बीच सत्ता और संगठन से जुड़े कई मसलों पर बातचीत होने की जानकारी पार्टी सूत्रों ने दी है। इसमें निगम मंडल और विकास प्राधिकरणों में नियुक्तियों का मुद्दा भी शामिल है। सरकार की पहली प्राथमिकता में राज्य महिला आयोग समेत अन्य महत्वपूर्ण आयोगों में खाली पड़े पदों पर नियक्तियां शामिल हैं। संगठन सूत्रों का कहना है कि नियुक्ति के पहले चरण में करीब दो दर्जन लोगों को नियुक्त किया जाएगा। इसमें कांग्रेस छोड़कर आए नेताओं के नाम भी शामिल हैं। इसके अलावा संघ से जुड़े कई नेताओं की भी ताजपोशी होगी। माना जा रहा है कि प्रदेश के बड़े निगम-मंडल जिसमें हाउसिंग बोर्ड और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम जैसे निगम-मंडल आते हैं, इनमें संघ से जुड़े नेताओं को नियुक्त किया जाएगा। मप्र के विधानसभा और लोकसभा चुनाव में जिन नेताओं का टिकट काटा था या फिर जिन्हें प्रबल दावेदारी के बाद भी टिकट नहीं दिया गया था उनकी किस्मत का ताला भी खुलने वाला है। प्रदेश में ऐसे करीब एक दर्जन से अधिक नेता हैं, जिन्होंने विगत चुनावों में दावेदारी की थी, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिल सका था। इसी प्रकार सिंधिया समर्थक कई नेताओं को भी नियुक्त किया जाएगा। माना जा रहा है कि इन नियुक्तियों को एक साथ न करते हुए दो या तीन बार में किया जाएगा। पूर्व में प्रदेश के निगम मंडलों में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद पर रहे संघ से जुड़े नेताओं को दूसरी बार अवसर नहीं मिल सकेगा। पार्टी इन नेताओं को फिर से संगठन की जिम्मेदारी सौंप सकती है।