बिगड़े यातायात को सुधारने के लिए प्रयोग….येलो बॉक्स जंक्शन बना रहा निगम
इंदौर। इंदौर में यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए हर दिन ही प्रयोग किए जा रहे है
और अब इस नये प्रयोग में येलो बॉक्स जंक्शन भी शामिल हो गया है जिन्हें नगर निगम प्रशासन
ने हाल ही में हाईकोर्ट और रीगल चौराहे पर बनाने का काम किया है।
और अब इस नये प्रयोग में येलो बॉक्स जंक्शन भी शामिल हो गया है जिन्हें नगर निगम प्रशासन
ने हाल ही में हाईकोर्ट और रीगल चौराहे पर बनाने का काम किया है।
अब यातायात विभाग वाहन चालकों को जागरूक कर रहा है। बता दें कि अत्यधिक यातायात दबाव वाले चौराहों पर विदेश की तर्ज पर येलो बाक्स जंक्शन बनाए जा रहे हैं। इसके पहले देवास नाका, लैंटर्न चौराहा, नौलखा, इंद्रप्रस्थ चौराहा आदि जगह इस तरह के जंक्शन बनाए जा चुके हैं, लेकिन वाहन चालकों को इसकी जानकारी ही नहीं है। चौराहों पर रात में चमकने वाले स्टापर भी लगाए जा रहे हैं। ये सूर्य की रोशनी से चार्ज होंगे और रात में वाहन चालकों को दूर से नजर आएंगे। इससे दुर्घटना रुकेगी। वहीं शहर में डिवाइडरों की पेंटिंग का काम भी चल रहा है। अधिकांश वाहन चालकों को येलो बॉक्स जंक्शन के बारे में जानकारी नहीं है। यातायात पुलिस ने पलासिया चौराहे पर राहगीरों को जागरूक किया। उन्हें बताया कि पैदल सड़क पार करने के लिए येलो बॉक्स का उपयोग न करते हुए सिर्फ जेब्रा क्रॉसिंग का ही उपयोग करें। इसी तरह वाहन चालकों को भी बताया कि रेड सिग्नल होने पर स्टाप लाइन पर रुकना है, येलो बॉक्स में नहीं आना है।
येलो बॉक्स जंक्शन क्या है
येलो बॉक्स जंक्शन का चलन विदेश और भारत के बड़े शहरों में किया जाता है, ताकि किसी तरह की सड़क दुर्घटना न हो और यातायात सुगमता से चले। चौराहों पर वाहन चालकों के रुकने के लिए स्टाप लाइन होती है। फिर पैदल चलने वालों के लिए जेब्रा क्रॉसिंग बने होते है। इसके बाद येलो बॉक्स जंक्शन बनाते हैं। इसका उपयोग वाहन चालक और पैदल राहगीरों के लिए अलग-अलग है। चौराहे पर वाहन चालकों को स्टॉप लाइन पर रुकना होता है, लेकिन वे जेब्रा क्रॉसिंग पार कर येलो बॉक्स में खड़े हो जाते हैं। वहीं पैदल राहगीरों को भी येलो बॉक्स में न जाकर सिर्फ जेब्रा क्रासिंग से ही सड़क पार करनी चाहिए।