जहां बच्चों की पाठशाला खत्म होते ही मम्मियों की क्लास लगती है

 

इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर में एक ऐसा स्कूल हैं, जहां बच्चों की पाठशाला खत्म होते ही मम्मियों की क्लास लगती है. यहां मम्मी को पढ़ाया नहीं जाता बल्कि आत्मनिर्भर बनाया जाता है. इसके लिए महिलाओं को फैशन डिजाइनिंग, कुकिंग और ब्युटी एक्सपर्ट बनने की स्किल सिखाई जा रही है.

महू नाका पर श्री क्लाथ मार्केट वैष्णव बाल मंदिर गर्ल्स हाई सेकेंडरी स्कूल में बच्चों की छुट्टी के बाद  महिलाओं और लड़कियों के लिए यह क्लास लगाई जा रही है. इसमें मम्मियों के साथ-साथ आसपास की महिलाएं और लड़कियां भी सीखने आ रही हैं. अब तक 100 से ज्यादा महिलाएं इन कोर्स को सीख चुकी हैं.

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू की गई इन क्लासेस में 18 साल से 40 साल तक की महिलाएं आ रही हैं. इनमें ज्यादातर महिलाएं हाउसवाइफ हैं जो निम्न परिवार से आती हैं और खुद को आत्मनिर्भर बनाना चाहती हैं.

स्कूल की प्राचार्य आभा जौहरी ने बताया कि पहले ये स्किल की क्लासेस को बच्चों के लिए शुरू किया, लेकिन कुछ महिलाओं ने भी इसमें रुचि लेना शुरू किया तो बच्चों के बाद महिलाओं के लिए यह कोर्स शुरू किए गए हैं. इसमें तीन कोर्स सिखाए जा रहे हैं: बेकिंग, ब्यूटी एंड वेलनेस और फैशन डिजाइनिंग. महिलाएं अपनी सुविधा के अनुसार कोर्स कर रही हैं. प्रोफेशनल कोर्स की फीस दो हजार से लेकर दस हजार रुपए तक रखी गई है. सभी कोर्स की ट्रेनिंग एक्सपर्ट द्वारा दी जा रही है. यहां महिलाओं को बेकिंग और हेल्दी फूड के कोर्स करवाए जा रहे हैं, क्योंकि बेकिंग डिशेस की डिमांड है. इसके साथ ही लोग फिटनेस कांशियस हो गए हैं तो उनके लिए स्पेशल डाइट कोर्स है, जो स्वादिष्ट और सेहतमंद है.  महिला और ब्यूटीशियन का खास नाता है, इसलिए इस कोर्स में आस-पास के इलाकों की महिलाएं शामिल हो रही हैं. यहां दो कोर्स हैं: एक बेसिक और एडवांस. जहां बेसिक कोर्स के लिए दो हजार रूपए है, इसके अलावा एडवांस और प्रोफेशनल कोर्स के लिए 15 हजार है. इस कोर्स की खास डिमांड है.  बदलते ट्रेंड के अनुसार ड्रेस की भी अलग-अलग वैरायटी आई हैं. इसलिए पसंदीदा स्टार को देखकर भी ड्रेस डिजाइन और सिलाई कर रही हैं. अब महिलाएं खुद को आत्मनिर्भर बनाना चाहती हैं.