आधार नंबर दर्ज कराते ही पता चल जाएगा कि संपत्ति का असली मालिक कौन है, कल से शुरू होगी संपत्ति के ऑनलाइन पंजीयन की सुविधा
मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव गुरुवार को भोपाल से इसका शुभारंभ करेंगे। उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने बताया कि पिछले चार माह से गुना, हरदा, डिंडौरी और रतलाम में इसका प्रयोग सफल रहने के बाद सभी जिलों में लागू किया जा रहा है। संपत्ति पंजीयन की प्रक्रिया को डिजिटल बनाने की दिशा में राज्य शासन का यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके साथ ही प्रदेश में रजिस्ट्री के नए नियम लागू किए जाएंगे।
वाट्सएप, और ईमेल के माध्यम से उपलब्ध होगी
दस्तावेजों की ई-कॉपी डिजी लाकर, व्हाट्सएप, और ईमेल के माध्यम से उपलब्ध होगी। साथ ही ई-स्टांप सृजित करने की सुविधा भी होगी। संपत्ति की सर्च प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाया गया है। बता दें कि संपदा 2.0 विशेष मोबाइल एप भी लांच किया जा चुका है। यह नवाचार न केवल आमजन के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि प्रदेश को ई-गवर्नेंस की दिशा में भी आगे बढ़ाएगा।
यह होगा खास
संपत्ति की जीआईएस मैपिंग होने से सीमा निर्धारण विवाद व अन्य गड़बड़ी नहीं होगी। संपत्ति में बायोमेट्रिक पहचान लागू हो सकेगी। ई-साइन और डिजिटल हस्ताक्षर से दस्तावेज तैयार हो सकेंगे, जिससे गवाह की अनिवार्यता समाप्त हो जाएगी। कुछ दस्तावेजों के पंजीकरण के लिए अब उप पंजीयक कार्यालय में व्यक्तिगत उपस्थिति की आवश्यकता नहीं होगी। पंजीयन अधिकारी से संवाद वीडियो कांफ्रेंसिंग से किया जाएगा। व्यक्ति की पहचान के लिए वीडियो केवाईसी का प्रावधान भी रखा गया है।